सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : मशहूर फिल्ममेकर और पत्रकार प्रीतीश नंदी का बुधवार को हार्ट अटैक से निधन हो गया। वे 73 साल के थे और पैंक्रियाटिक कैंसर से पीड़ित थे। अनुमप खेर ने X पर पोस्ट कर उनके निधन की जानकारी दी। उन्होंने चमेली, सुर और हजारों ख्वाहिशें ऐसी जैसी फिल्में प्रोड्यूस की थीं।
प्रीतीश नंदी का जन्म 15 जनवरी 1951 को बिहार के भागलपुर में हुआ था। वह ‘द इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया’ के संपादक रहे और अपने निर्भीक विचारों के लिए मशहूर थे। उन्होंने फिल्म निर्माण में भी अपनी पहचान बनाई और हिंदी-अंग्रेजी की 24 फिल्में बनाईं।
नंदी 1998 से 2004 के बीच महाराष्ट्र से राज्यसभा में शिवसेना के सांसद रहे। नंदी ने अंग्रेजी में कविताओं की 40 से अधिक पुस्तकें लिखी थीं। उन्होंने कविताओं का बंगाली, उर्दू और पंजाबी से इंग्लिश में ट्रांसलेशन किया था।
अनुपम खेर ने लिखा- प्रीतीश शुरुआती दिनों में मेरे सपोर्ट सिस्टम थे अनुपम खेर ने इंस्टाग्राम पर लिखा- मैं यह सुनकर बेहद दुखी और स्तब्ध हूं कि मेरे सबसे प्रिय और करीबी दोस्तों में से एक प्रीतीश नंदी का निधन हो गया है। वह एक अद्भुत कवि, लेखक, फिल्म निर्माता और बहादुर अनोखे पत्रकार थे। मुंबई में मेरे शुरुआती दिनों में वह मेरे सपोर्ट सिस्टम और ताकत का बड़ा स्रोत थे।’
एक्टर ने आगे लिखा, ‘हम दोनों के बीच कई चीजें कॉमन थीं। वह अब तक मिले सबसे निडर इंसानों में से एक थे। हमेशा बड़े दिल और बड़े ख्वाब वाले इंसान थे। उनसे मैंने बहुत कुछ सीखा। हाल के दिनों में हमारी मुलाकातें कम हो गई थीं, लेकिन एक समय था जब हम अलग ही नहीं होते थे। मुझे वह पल कभी नहीं भूलता जब उन्होंने मुझे सरप्राइज देते हुए फिल्मफेयर और सबसे खास, द इलस्ट्रेटेड वीकली के कवर पर जगह दी। वह सही मायनों में ‘यारों का यार’ थे।’
सुधीर मिश्रा ने कहा- नदीं को अगला टैगोर कहा जाने लगा था फिल्म डॉयरेक्टर सुधीर मिश्रा ने कहा- प्रीतीश के निधन की खबर को समझ ही नहीं पा रहा हूं। उन्होंने मेरी जिंदगी बदल दी। उन्होंने मेरी फिल्म ‘हजारों ख्वाहिशें ऐसी’ को समझा और प्रोड्यूसर के रूप में उसी तरह बनाने की आजादी दी, जैसे मैं चाहता था।
1990 में टॉक शो शुरू किया प्रीतीश नंदी ने 1990 के दशक में दूरदर्शन पर ‘द प्रीतीश नंदी शो’ नाम के एक टॉक शो की मेजबानी की थी। इस शो में उन्होंने मशहूर हस्तियों का इंटरव्यू लिया था। उन्होंने बतौर कवि और लेखक किताब गॉड्स एंड ओलाइव्स से अपनी पहचान बनाई।
सुर, चमेली, हजारों ख्वाहिशें ऐसी, जैसी मूवीज बनाईं उन्होंने 2000 के दशक की शुरुआत में अपने बैनर प्रीतीश नंदी कम्युनिकेशंस के तहत ‘सुर’, ‘कांटे’, ‘झंकार बीट्स’, ‘चमेली’, ‘हजारों ख्वाहिशें ऐसी’, ‘प्यार के साइड इफेक्ट्स’ जैसी कई फिल्में बनाई थीं। आखिरी बार बतौर निर्माता उन्होंने अमेजन प्राइम वीडियो की वेब सीरीज ‘फोर मोर शॉट्स प्लीज’ और एंथोलॉजी सीरीज ‘मॉडर्न लव मुंबई’ को प्रोड्यूसर किया।
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