सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की प्रथम वर्षगांठ पर भोपाल स्थित शासकीय संभागीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था में संभाग स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके क्रिस्प के विद्यार्थियों ने भी हिस्सा लिया। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने वर्धा (महाराष्ट्र) में आयोजित कार्यक्रम के माध्यम से योजना के सभी हितग्राहियों को वर्चुअल रूप से सम्बोधित किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में जनप्रतिनिधिगण एवं समस्त हितग्राही उपस्थित रहे।
भोपाल से क्रिस्प के विद्यार्थी भी वर्चुअली इस कार्यक्रम में जुड़े। कार्यक्रम में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार, तकनिकी शिक्षा, कौशल एवं रोज़गार) गौतम टेटवाल, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इसके अलावा एम. जी. तिवारी, अतिरिक्त संचालक, कौशल विकास संचालनालय, मध्यप्रदेश शासन भी मौजूद थे। मंत्री गौतम टेटवाल ने क्रिस्प द्वारा प्रशिक्षित कारीगरों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें प्रमाण पत्र वितरित कर सम्मानित कर उनके कौशल विकास में मिली सफलता के लिए बधाई दी और कहा, “पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य देश के पारंपरिक कारीगरों को न केवल आर्थिक रूप से मजबूत करना है, बल्कि उन्हें आधुनिक तकनीक के साथ जोड़कर उनके कौशल में सुधार करना है।”
कार्यक्रम के दौरान हेंडीक्राफ्ट विभाग की प्रमुख सुश्री इरम नाज़ ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “क्रिस्प के प्रशिक्षण कार्यक्रमों ने हमारे कारीगरों को आधुनिक कौशल से लैस किया है। यह न केवल उनकी उत्पादकता को बढ़ाता है बल्कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में उन्हें मजबूती भी प्रदान करता है।”
क्रिस्प के ‘पीएम विश्वकर्मा’ के तहत किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए, मंत्री टेटवाल ने कहा, “सरकार कारीगरों के पारंपरिक कौशल को नई ऊर्जा देने के लिए प्रतिबद्ध है, और क्रिस्प भी इसी दिशा में कार्यरत हैं।”
कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे बढ़ई कारीगरों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे यह योजना और क्रिस्प के प्रशिक्षण कार्यक्रम ने उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत, पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षण के साथ सशक्त किया जा रहा है, ताकि वे न केवल अपनी जीविका बेहतर कर सकें बल्कि उन्हें वैश्विक बाजार में भी नई पहचान मिल सके। क्रिस्प का यह प्रयास प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।