सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: इंदौर की युवा पिस्टल शूटर मानवी जैन ने पेरू के लीमा में आयोजित आईएसएसएफ जूनियर विश्व चैम्पियनशिप 2024 में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। 18 वर्षीय मानवी ने महिलाओं की 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल स्पर्धा में इस पदक पर निशाना साधा। उनके पिता विवेक जैन, जो स्वयं एक नेशनल शूटर रह चुके हैं, ने मानवी के सफर की शुरुआत से लेकर उनकी इस उपलब्धि तक की कहानी साझा की।
शूटिंग में मानवी का सफर: बैडमिंटन से पिस्टल तक
मानवी का जन्म 2006 में हुआ और शुरुआत में वह बैडमिंटन और स्केटिंग में रुचि रखती थीं। 12 साल की उम्र में पहली बार उन्होंने पिस्टल उठाई और 2018 में स्टेट लेवल पर अपने पहले ही मुकाबले में पदक जीतकर अपनी शूटिंग यात्रा की शुरुआत की।
पिता विवेक जैन ने बताया कि बेटी को शूटिंग के लिए मजबूर नहीं किया गया, बल्कि घर में मौजूद मेडल्स ने उसकी रुचि जगाई। पिस्टल पकड़ने और निशाना साधने की प्रैक्टिस के लिए सबसे पहले उसकी मसल्स को मजबूत किया गया। इसके लिए पानी की बॉटल से होल्डिंग की प्रैक्टिस करवाई गई, ताकि उसकी होल्डिंग क्षमता बढ़ सके।
घर में शूटिंग रेंज और सख्त शेड्यूल
मानवी की प्रैक्टिस को सुगम बनाने के लिए उनके पिता ने 2018 में घर पर ही एक शूटिंग रेंज बनवा दी। उनका रोज़ का शेड्यूल सुबह 5:30 बजे शुरू होता है, जिसमें वह 1 घंटे होल्डिंग और 2 घंटे निशाना लगाने की प्रैक्टिस करती हैं। शाम को फिर 3 घंटे शूटिंग की प्रैक्टिस होती है।
उनकी पढ़ाई और डाइट का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। मानवी ने हाल ही में सत्या साई स्कूल से 12वीं पास की है और अब ग्रेजुएशन के लिए मास कम्युनिकेशन को अपना विषय चुना है।
ओलंपिक में मेडल जीतने का लक्ष्य
मानवी के पिता विवेक जैन का कहना है कि उनका लक्ष्य भारत के लिए ओलंपिक में मेडल जीतना है। मानवी की मेहनत और समर्पण को देखकर यह साफ है कि वह अपने इस लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रही हैं।