2. फॉर्म 29 और 30 जमा करें
आरसी ट्रांसफर के लिए आपको आरटीओ में फॉर्म 29 और फॉर्म 30 जमा करना होगा.
ये फॉर्म गाड़ी बेचने और मालिकाना हक बदलने की आधिकारिक प्रक्रिया का हिस्सा हैं.
3. नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लें
अगर गाड़ी फाइनेंस पर ली गई थी या किसी बैंक से लोन चल रहा है, तो पहले उसका पूरा भुगतान करें और बैंक से NOC लें.
यह सर्टिफिकेट साबित करेगा कि गाड़ी पर कोई बकाया लोन नहीं है.
4. पॉल्यूशन और इंश्योरेंस अपडेट करें
गाड़ी बेचने से पहले उसका पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस अपडेट करवाना जरूरी है.
इंश्योरेंस भी नए मालिक के नाम पर ट्रांसफर कराएं ताकि किसी दुर्घटना की स्थिति में आप कानूनी जिम्मेदारी से बच सकें.
5. गाड़ी का फुल सर्विस कराएं
गाड़ी की पूरी सर्विस करवाएं और सुनिश्चित करें कि गाड़ी अच्छी स्थिति में है.
गाड़ी की सही कंडीशन आपके लिए बेहतर डील दिलवा सकती है.
6. सेल एग्रीमेंट तैयार करें
गाड़ी बेचते समय सेल एग्रीमेंट बनवाएं, जिसमें गाड़ी की सभी डिटेल्स, खरीदार का नाम, पता, और बिक्री की तारीख दर्ज हो.
एग्रीमेंट में गाड़ी की कीमत और भुगतान का तरीका (कैश, चेक या ऑनलाइन) भी स्पष्ट करें.
7. पुराने चालानों का निपटारा करें
गाड़ी बेचने से पहले सुनिश्चित करें कि उस पर कोई चालान या पेनल्टी बकाया नहीं है.
चालानों का भुगतान ऑनलाइन या संबंधित विभाग में जाकर करें.
8. डिलीवरी नोट बनवाएं
गाड़ी की डिलीवरी के समय खरीदार से डिलीवरी नोट पर साइन करवाएं.
यह साबित करेगा कि गाड़ी अब आपके पास नहीं है और आप किसी भी जिम्मेदारी से मुक्त हैं.
9. नंबर प्लेट और दस्तावेज चेक करें
खरीदार को गाड़ी के साथ ओरिजिनल दस्तावेज और नंबर प्लेट सही स्थिति में सौंपें.
10. आरटीओ से कन्फर्मेशन लें
आरसी ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी होने के बाद, आरटीओ से कन्फर्मेशन ले लें कि गाड़ी का मालिकाना हक बदल चुका है.
इन सभी स्टेप्स को पूरा करने से आप भविष्य की किसी भी कानूनी समस्या से बच सकते हैं। ध्यान रखें, गाड़ी बेचने की प्रक्रिया को लापरवाही से न लें.
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