सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने स्वीकार किया है कि उन्होंने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप लगाया था, लेकिन उनके पास उस समय केवल खुफिया जानकारी थी, ठोस सबूत नहीं।
ट्रूडो का बयान
15 अक्टूबर को ट्रूडो ने भारत पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा, “मेरा मकसद सिर्फ भारत सरकार से बातचीत करना था। जब मैंने ऐसा किया तो उन्होंने हमसे सबूत मांगे। तब हमने बताया कि हमारे पास खुफिया जानकारी है, फिलहाल कोई ठोस सबूत नहीं हैं। इसलिए हमें मिलकर काम करने की जरूरत है।”
भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने ट्रूडो के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री ही भारत-कनाडा संबंधों में आई कड़वाहट के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, “कनाडा ने भारत और भारतीय राजनयिकों पर जो आरोप लगाए हैं, उसे साबित करने के लिए उन्होंने कोई भी सबूत नहीं दिया।”
फाइव आइज का संदर्भ
ट्रूडो ने बताया कि उन्हें “फाइव आइज” देशों से खुफिया जानकारी मिली थी, जिसमें भारत पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का संकेत मिला था। फाइव आइज देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड शामिल हैं।
पन्नू का इंटरव्यू
इस बीच, खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा कि उसने कनाडा को भारत के खिलाफ जानकारियां दी हैं और वह पिछले 2-3 सालों से कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के संपर्क में है।
पिछले कुछ दिनों की घटनाएं
- 13 अक्टूबर: कनाडा ने भारत को एक चिट्ठी भेजी, जिसमें कहा गया कि भारतीय उच्चायोग के कुछ अधिकारी संदिग्ध हैं।
- 14 अक्टूबर: भारत ने कनाडा के राजदूत को तलब किया।
- 15 अक्टूबर: ट्रूडो ने भारत पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया।
- 16 अक्टूबर: ट्रूडो ने ठोस सबूत न होने की बात मानी।
- 17 अक्टूबर: भारत ने ट्रूडो के लापरवाह व्यवहार की आलोचना की।
निष्कर्ष
इस प्रकार, भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ रहा है, और ट्रूडो के बयानों ने इस विवाद को और भी गहरा कर दिया है। यह स्थिति दोनों देशों के रिश्तों पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकती है।