सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: दो साल से पेट दर्द से परेशान महिला एमटीएच अस्पताल पहुंची। डॉक्टरों ने जांच की तो पता चला पेट में 22 हड्डियां हैं, जिन्होंने बच्चेदानी को क्षतिग्रस्त कर दिया है। ऑपरेशन के बाद पता चला कि महिला ने छह साल पहले बगैर डॉक्टर के परामर्श के गर्भनिरोधक दवाई खाई थी। तब भ्रूण छह माह का था। जिसके अवशेष गर्भ में ही रह गए। आमतौर पर 9 हफ्ते तक के गर्भपात की अनुमति दी जाती है, लेकिन महिला ने छह माह के भ्रूण को मारने के लिए गोलियां खा ली थीं।

महिला को 22 मार्च को एमटीएच अस्पताल में भर्ती किया गया। अल्ट्रासोनोग्राफी और सीईसीटी जांच में पता चला गर्भाशय में हड्डी जैसे कई टुकड़े हैं। इनमें से कुछ एंडोमेट्रियम (गर्भाशय के अंदर की परत) से जुड़े हुए थे। ये टुकड़े गर्भाशय में चुभ रहे थे। आंत से चिपके हुए थे।

यह देख डॉक्टर्स चौंक गए। स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डॉ. सुमित्रा यादव ने बताया जांच के बाद एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी (सर्जरी) की। इसमें देखा गया कि गर्भाशय की सतह पर एक छोटा-सा छिद्र था, जिसके माध्यम से भ्रूण की हड्डियां उभरी हुई थीं। सावधानीपूर्वक आंतों से लूपों को अलग किया। फिर भ्रूण की सभी हड्डियों को निकाला। 22 टुकड़े निकले। इनके आकार से पता चला ये छह माह के भ्रूण के हैं। ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ. विभा मोसेस, डॉ. सपना चौरसिया, डॉ. सिद्धि अग्रवाल, डॉ. सारांशी श्रीवास्तव, डॉ. सागर अरोरा, डॉ. शालिनी जैन, डॉ. बसंत निगवाल, डॉ. मोहन बाबू वर्मा, डॉ. निवेदिता, डॉ. राहुल शामिल थे।