सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार की मोहन कैबिनेट ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जिनसे राज्य के विकास और जनता की भलाई पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। इस बार के कैबिनेट फैसलों में महिलाओं को सिविल सेवा में आरक्षण, असिस्टेंट प्रोफेसर की उम्र सीमा में वृद्धि, किसानों के लिए उर्वरक विक्रय केंद्र, और पावर प्लांट्स के पुनर्निर्माण जैसे अहम कदम शामिल हैं। आइए जानते हैं इन फैसलों के प्रमुख बिंदु:

1. असिस्टेंट प्रोफेसर की उम्र सीमा में वृद्धि
सरकारी मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने की आयु सीमा अब 40 से बढ़ाकर 50 वर्ष कर दी गई है। इससे ज्यादा योग्य उम्मीदवारों को इस पद पर सेवा देने का अवसर मिलेगा।

2. महिलाओं के लिए 35% आरक्षण
कैबिनेट ने महिलाओं को सिविल सेवाओं में 35% आरक्षण देने का फैसला किया है। यह कदम राज्य में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का काम करेगा, जिससे ज्यादा महिलाएं सिविल सेवाओं में भाग ले सकेंगी।

3. किसानों के लिए 254 नए नगद उर्वरक विक्रय केंद्र
कैबिनेट ने किसानों के लिए 254 नए नगद उर्वरक विक्रय केंद्रों की स्वीकृति दी है। इससे किसानों को अब उर्वरक लेने के लिए लंबी लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा, और उन्हें आसानी से उर्वरक उपलब्ध होगा।

4. नया पावर प्लांट
पुराने 830 मेगावाट इकाइयों को डी-कमीशन कर 660 मेगावाट का नया पावर प्लांट लगाया जाएगा, जिससे राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी।

5. रीवा इन्वेस्टर समिट में 31 हजार करोड़ के प्रस्ताव
रीवा में आयोजित इन्वेस्टर समिट में लगभग 31 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिससे राज्य में 28 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।

भविष्य की योजनाएं
सरकार ने आगामी 7 दिसंबर को नर्मदापुरम में रीजनल इन्वेस्टर समिट और 12 नवंबर को उज्जैन में कालिदास समारोह आयोजित करने का भी ऐलान किया है, जिससे राज्य में सांस्कृतिक और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

निष्कर्ष
मोहन कैबिनेट के इन अहम फैसलों से राज्य में विकास और जनता की भलाई की दिशा में एक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है। सरकार द्वारा लिए गए ये कदम राज्य में रोजगार, महिला सशक्तिकरण, ऊर्जा, और कृषि क्षेत्र में सुधार लाने का कार्य करेंगे।