सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल:  रूस के कजान शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत शुरू हो गई है। 2020 में गलवान झड़प के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बाइलेटरल मीटिंग हो रही है। 21 अक्टूबर को दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करने पर सहमति बनी है।

कजान में आज BRICS समिट का दूसरा दिन है। पीएम मोदी दो मीटिंग में शामिल हुए। उन्होंने कहा, ‘BRICS देशों को आतंकवाद के खिलाफ एक साथ लड़ना होगा। इस पर दोहरा रवैया नहीं होना चाहिए।’ UNSC में रिफॉर्म करना जरूरी है।

एक अन्य स्पीच में पीएम ने कहा, ‘BRICS नए स्वरूप में विश्व की 40% मानवता और लगभग 30% इकोनॉमी का प्रतिनिधित्व करता है। पिछले 2 दशक में संगठन ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। मुझे उम्मीद है कि BRICS वैश्विक चुनौतियों के लिए और अधिक प्रभावी माध्यम बनकर उभरेगा।’

पीएम ने कहा कि हम युद्ध नहीं, डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थन करते हैं और जिस तरह हमने मिलकर कोविड जैसी चुनौती को परास्त किया। उसी तरह हम भावी पीढ़ी के सुरक्षित, सशक्त और समृद्ध भविष्य के लिए नए अवसर पैदा करने में पूरी तरह सक्षम हैं।

BRICS समिट के दूसरे दिन PM मोदी और पुतिन फिर गले मिले।

PM मोदी, रूस के राष्ट्रपति पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग।

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मोदी बोले- BRICS 30 ट्रिलियन डॉलर से भी बड़ी इकोनॉमी

नए स्वरूप में BRICS 30 ट्रिलियन डॉलर से भी बड़ी इकोनॉमी है। हमारे आर्थिक सहयोग को बढ़ाने में BRICS बिजनेस काउंसिल, BRICS विमेन बिजनेस अलांयस की बड़ी भूमिका है। इस साल BRICS में WTO रिफॉर्म्स, ट्रेड फेसीटिलेशन, सप्लाई चेन, ई-कॉमर्स और स्पेशल इकोनॉमिक जोन को लेकर जो सहमति बनी है, उससे हमारे आर्थिक सहयोग को बल मिलेगा।

BRICS के सभी देशों में इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर विशेष बल दिया जा रहा है। भारत में मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को तेजी से बढ़ाने के लिए हमने गतिशक्ति पोर्टल बनाया है। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए इंटीग्रेटेड प्लानिंग और इंप्लीमेंटेशन में मदद मिली है और लॉजिस्टिक कॉस्ट कम हुई है। हमारे अनुभव आप सभी के साथ साझा करने में हमें खुशी होगी।

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