सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: महू गैंगरेप की घटना में आरोपियों की पहचान सबसे बड़ी चुनौती बन गई थी। 10 सितंबर की रात महू से 28 किमी दूर जाम गेट पर आर्मी के दो ट्रेनी अफसरों और उनकी महिला मित्रों के साथ बेरहमी से मारपीट और लूटपाट के बाद गैंगरेप की वारदात हुई। आरोपियों ने आर्मी अफसरों को बुरी तरह पीटा, बंधक बनाया और फिर उनकी एक महिला मित्र के साथ गैंगरेप कर फरार हो गए थे।

पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती आरोपियों की पहचान थी, क्योंकि घटनास्थल पर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था और न ही कोई प्रत्यक्षदर्शी मौजूद था। पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए बड़गोंदा थाने के पिछले 10 वर्षों में तैनात टीआई से संपर्क कर हिस्ट्रीशीटर्स की जानकारी जुटाई। 10 टीमों ने मिलकर आरोपियों की पहचान करने की कोशिश की।

अंततः पुलिस की मेहनत रंग लाई जब एक ट्रेनी अफसर ने फोटो देखकर अनिल को पहचान लिया। इसके बाद अनिल और उसके साथी, जो पहले भी इस तरह की वारदात कर चुके थे, गिरफ्तार कर लिए गए। पुलिस ने डीएनए जांच के लिए उनके कपड़े और अन्य साक्ष्य भेज दिए हैं।

इस घटना के बाद से पीड़ित और उनका परिवार सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आ रहे हैं।