महाकुंभ में मोरारी बापू की कथा में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पत्नी और बेटी के साथ शामिल हुए। कोविंद ने कहा- हम श्रीराम को मानते हैं तो उनकी बातों को मानने में झिझक क्यों होती है। स्वामी चिदानंद ने कहा- अब समय आ गया है कि हम न बंटेंगे, न बाटेंगे, न डरेंगे, न डराएंगे, न कटेंगे, न लड़ेंगे, न लड़ाएंगे।
महाकुंभ का आज 8वां दिन है। दोपहर 2 बजे तक 44.62 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया। अब तक कुल 8.5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने ट्रैफिक प्लान बदला है।
अब पूरे महाकुंभ के दौरान निजी वाहनों का मेला क्षेत्र में प्रवेश बंद रहेगा। वाहनों को शहर और मेला क्षेत्र के बाहर पार्किंग में पार्क करना पड़ेगा। यहां से कुंभ मेले के लिए शटल बस मिलेंगी।
अयोध्या दर्शन करने पहुंचे भाजपा सांसद रविकिशन ने कहा- राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को भी कुंभ जाना चाहिए। इतना साफ जल तो 75 साल में नहीं था।
महाकुंभ मेले में हनुमान का रूप धारण कर एक कलाकार पहुंचा। वह लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
चिदानंद सरस्वती बोले- हम न बंटेंगे, न डरेंगे, न लड़ाएंगे
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा- अब समय आ गया है कि हमारे दिल और हमारे घर के आगे मोहब्बत लिखा हो। अब समय आ गया है कि हम न बंटेंगे, न बाटेंगे, न डरेंगे, न डराएंगे, न कटेंगे, न लड़ेंगे, न लड़ाएंगे। यही संगम के तट से संगम का संदेश है, जो हमारे देश के संगम को बचा के रखेगा।
स्वामी ने कहा- समुद्र मंथन संग्राम से शुरू हुआ और संगम तक पहुंचा, अमृत तक पहुंचा। बापू का जीवन संग्राम नहीं, संग-राम को चरित्रार्थ करता है। उन्होंने कहा कि इस बार का कुंभ ग्लोबल कुंभ बन गया है। वास्तव में इस बार का कुंभ अद्भुत है।
कोविंद बोले- राम को अपनाते हैं, तो बात मानने में झिझक क्यों
रामनाथ कोविंद ने महाकुंभ में मोरारी बापू की कथा में संतों और श्रद्धालुओं से कहा- मैंने देखा है कि हम श्रीराम को मानते हैं, उनके चरित्र को मानते हैं, उनके चरित्र को अपने जीवन में अपनाने का प्रयास करते हैं, लेकिन राम की नहीं मानते हैं। जहां राम की बात मानने की आती है, वहां हम थोड़े से झिझकने क्यों लगते हैं। यह एक चुनौती है।
राम की बातों को मानने और उनके बताए रास्तों पर कैसे चलें, इसके लिए हमें धीरे-धीरे प्रयास करना होगा। ताकि प्रभु श्रीराम का चरित्र हम सब के जीवन में आए। श्रद्धालुओं और संतों से कोविंद ने कहा- आप सब मेरा परिवार हैं। मेरे मन में एक ही बात है कि बापू की श्रीराम कथा श्रृंखला की 950वीं कथा है। यह एक सुखद संयोग है और हम एक हजार श्रीराम कथाओं तक पहुंचने की ओर बढ़ रहे हैं।