सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: मालवा-निमाड़ क्षेत्र, जो पश्चिमी मध्य प्रदेश में स्थित है, सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले में नंबर-1 पर है। इस क्षेत्र में रूफ टॉप सोलर नेट मीटर के जरिए बिजली बनाने वाले उपभोक्ताओं की संख्या में 80% की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्तमान में यहां 19,750 स्थानों पर सौर ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है, और यह संख्या अक्टूबर के अंत तक 20,000 से अधिक हो जाएगी।
इंदौर सबसे आगे
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की प्रबंध निदेशक रजनी सिंह ने बताया कि इस साल सौर ऊर्जा के प्रति उपभोक्ताओं का रुझान तेजी से बढ़ा है। पीएम सूर्य घर योजना के तहत फरवरी से अक्टूबर के बीच करीब 9,000 नए उपभोक्ता सौर ऊर्जा से जुड़े हैं। इंदौर क्षेत्र में 11,400 से अधिक छतों पर सोलर पैनल लगे हैं, जिनसे 100 मेगावॉट से अधिक बिजली उत्पन्न हो रही है। उज्जैन, देवास, रतलाम और खरगोन जिलों में भी सोलर नेट मीटर के माध्यम से बिजली उत्पादन हो रहा है।
केंद्र सरकार की सब्सिडी योजना
केंद्र सरकार सोलर पैनल संयंत्रों पर सब्सिडी भी प्रदान कर रही है, जिसमें 3 किलोवॉट तक के संयंत्रों पर 78,000 रुपए तक की सब्सिडी मिल रही है। इस योजना का लाभ उपभोक्ता आसानी से टोल फ्री नंबर 1912 या संबंधित वेबसाइटों के माध्यम से ले सकते हैं।
प्रदेश के अन्य शहरों की स्थिति
इंदौर सोलर सिस्टम से बिजली बनाने में पूरे प्रदेश में पहले स्थान पर है, जबकि भोपाल, जबलपुर, और ग्वालियर क्रमशः दूसरे, तीसरे, और चौथे स्थान पर हैं। इन शहरों में भी सौर ऊर्जा का व्यापक उपयोग हो रहा है, जिससे उपभोक्ता न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहे हैं बल्कि अपने बिजली बिल में भी बचत कर रहे हैं।