सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एंबुलेंस 108 की लापरवाही से गंभीर मरीजों की जान पर बनी हुई है। क्योंकि निजी हाथों से संचालित हाे रही एंबुलेंस में ट्रेंड स्टाफ नहीं है। कॉल आने पर ड्राइवर और क्लीनर ही मरीज काे अस्पताल लाने का काम कर रहे है। शुक्रवार काे इसी लापरवाही के चलते दाे माह की मासूम ने दम तोड़ दिया। एंबुलेंस के ड्राइवर व क्लीनर बच्चे को नजदीक के 15 किमी दूर मनावर अस्पताल ले जाने की बजाय 75 किमी दूर जिला अस्पताल धार लेकर अाए। समय पर उपचार नहीं मिलने से मासूम की रास्ते में ही माैत हाे गई।

दरअसल, पेटलावद की मासूम काे सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। समीप के अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस बुलाई थी। सूचना पर एंबुलेंस क्रमांक (सीजे 04 डब्ल्यू 6319) आने पर पिता रवि डोडिया और मां प्रमिला अपनी दो माह की बेटी काे अस्पताल लेकर निकले। एंबुलेंस स्टाफ गांव से 15 किमी दूर मनावर के शासकीय अस्पताल की बजाय 75 किमी का फेरा लगाते हुए मरीज काे जिला अस्पताल लेकर आए। रवि ने बताया एंबुलेंस स्टाफ की लापरवाही से बेटी की मौत हुई।

यह गंभीर मामला है, कार्रवाई की जाएगी

एंबुलेंस स्टाफ मरीज काे समीप के अस्पताल से बिना रेफर किए सीधे धार लेकर पहुंचे और माैत हुई है ताे यह गंभीर मामला है। कई बार परिजन भी धार लेकर आने का दबाव बनाते है। यदि किमी बढ़ाने के चक्कर में मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है ताे इसे दिखवाते है। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।