सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: आज हम बात करेंगे महाराष्ट्र के राजनीतिक तूफान में बदल चुके बिटकॉइन विवाद की। इस मामले में धोखाधड़ी के आरोपों से लेकर राजनीतिक बहसों तक, हर पहलू को समझने की कोशिश करेंगे। आइए शुरू करते हैं।

विवाद क्या है?

नारेटर: यह विवाद महाराष्ट्र में वोटिंग से ठीक 12 घंटे पहले शुरू हुआ। पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्रनाथ पाटिल ने एनसीपी नेता सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले पर ₹150 करोड़ की बिटकॉइन धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि बिटकॉइन डीलर अमिताभ गुप्ता ने उन्हें बताया कि इन नेताओं ने चुनाव प्रचार के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया।

हाल ही में, बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने इस मामले को और उछालते हुए एक ऑडियो क्लिप साझा की, जिसमें कथित तौर पर अवैध बिटकॉइन लेनदेन की बातचीत सुनी जा सकती है।

बीजेपी के आरोप

नारेटर: बीजेपी ने इस मामले में कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि अवैध बिटकॉइन लेनदेन के ज़रिए चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की गई। आइए जानते हैं बीजेपी के पांच सवाल:

  1. क्या कांग्रेस और एनसीपी नेता बिटकॉइन के लेनदेन में शामिल हैं?
  2. क्या वे गौरव गुप्ता या मेहता नामक व्यक्तियों के संपर्क में हैं?
  3. क्या वायरल चैट उनके नेताओं की है?
  4. क्या ऑडियो क्लिप प्रामाणिक है?
  5. इन ‘बड़े लोगों’ का जिक्र कौन है?

एनसीपी और कांग्रेस का पलटवार

नारेटर: सुप्रिया सुले ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बीजेपी पर आखिरी समय में झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह बीजेपी के किसी भी नेता के साथ इस मामले पर सार्वजनिक बहस के लिए तैयार हैं।

सुप्रिया सुले का बयान: “मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार हैं। यह चुनाव से ठीक पहले मतदाताओं को गुमराह करने की साजिश है।”

वहीं, शरद पवार ने भी इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक साजिश बताया। नाना पटोले ने इन आरोपों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की बात कही है।

वायरल ऑडियो क्लिप पर सवाल

नारेटर: इस विवाद के केंद्र में एक वायरल ऑडियो क्लिप है, जिसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। अजित पवार ने संकेत दिया है कि यह आवाज़ उनकी बहन सुप्रिया सुले और नाना पटोले की हो सकती है, लेकिन उन्होंने जांच के बाद सच्चाई सामने आने की बात कही है।

अजित पवार का बयान: “जांच के बाद सच सामने आएगा। अगर ऑडियो सही है, तो जिम्मेदारी तय की जाएगी।”

बिटकॉइन क्या है?

नारेटर: अब बात करते हैं बिटकॉइन की। बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है, जो पूरी तरह डी-सेंट्रलाइज्ड है। इस पर किसी सरकार या बैंक का नियंत्रण नहीं होता। यह दुनिया भर में लोकप्रिय हो रही है, लेकिन कई देशों में इसे मान्यता नहीं मिली है। क्या यही क्रिप्टोकरेंसी महाराष्ट्र चुनाव में धोखाधड़ी का हिस्सा बन गई है? यह जांच के बाद ही पता चलेगा।

राजनीतिक असर

नारेटर: इस विवाद का समय भी सवाल खड़े करता है। वोटिंग से ठीक पहले इन आरोपों को उछालने का क्या उद्देश्य था? क्या यह मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास है या कोई बड़ा घोटाला? यह आने वाले दिनों में साफ होगा।