सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: कोलकाता में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन 33वें दिन जारी है। डॉक्टर्स पिछले 3 दिनों से स्वास्थ्य भवन पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी 5 मांगें हैं। डॉक्टरों ने इस पर बातचीत के लिए बंगाल सरकार के सामने 4 शर्तें रखी हैं।

डॉक्टरों ने 11 सितंबर को अपनी शर्तों की लिस्ट के साथ बंगाल सरकार को बातचीत के लिए मेल भेजा था। हालांकि, सरकार ने शर्तें खारिज कर दीं। स्वास्थ्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि हम डॉक्टरों की बात सुनने को तैयार है, लेकिन वे इसके लिए शर्तें तय नहीं कर सकते।

पूर्व प्रिंसिपल के ठिकानों पर एक हफ्ते में दूसरी बार ED का छापा

दूसरी तरफ, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से जुड़े ठिकानों पर आज फिर छापा मारा है। ED की टीमें घोष के कोलकाता के चिनार पार्क स्थित घर और उसके पिता सत्य प्रकाश घोष के घर पर तलाशी ले रही हैं।

घोष पर अस्पताल में वित्तीय गड़बड़ी का आरोप है। एक हफ्ते के भीतर उसके ठिकानों पर ED का यह दूसरा छापा है। ED ने 6 सितंबर को भी छापा मारा था। CBI ने घोष को 2 सितंबर को गिरफ्तार किया था। रेप-मर्डर की घटना के बाद घोष ने 12 अगस्त को इस्तीफा दे दिया था।

डॉक्टर्स बोले- उम्मीद थी सरकार हमारी मांग मान लेगी

सरकार की तरफ से शर्तें खारिज होने के बाद जूनियर डॉक्टरों ने 11 सितंबर की रात साढ़े नौ बजे स्वास्थ्य भवन के सामने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद थी कि सरकार हमारी मांग मान लेगी। हमारी मुख्य मांग पीड़ित के लिए न्याय है।

हम भी जल्द समाधान करके काम पर लौटना चाहते हैं। सुबह-सुबह मुख्यमंत्री कार्यालय को ईमेल करने में कोई राजनीति नहीं थी। जो लोग राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं, वे ही राजनीति कर रहे हैं। हम पहले दिन से 5 सूत्रीय मांग कर रहे हैं।’

10 सितंबर को CM ममता ने 80 मिनट डॉक्टर्स का इंतजार किया

CM ममता ने 10 सितंबर को डॉक्टरों को मीटिंग के लिए सचिवालय बुलाया था। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उन्हें मेल भेजा गया। हालांकि जूनियर डॉक्टरों ने मीटिंग में आने से मना कर दिया। डॉक्टरों के इनकार के बावजूद ममता ने करीब 80 मिनट इंतजार किया। आखिरकार जब डॉक्टर्स नहीं आए, तो ममता लौट गईं।

डॉक्टर्स ने कहा- हम जिसका (राज्य स्वास्थ्य सचिव) इस्तीफा मांग रहे हैं, वही बैठक के लिए बुला रहा है। उसमें भी सरकार ने सिर्फ 10 डॉक्टरों को बुलाया। ये आंदोलन का अपमान है।

जूनियर डॉक्टर अकीब ने कहा, ‘हमें जो मेल मिला, उसमें लिखा था कि सीनियर अधिकारियों के साथ एक बैठक होनी है। इसे बंद कमरे में होने वाली बैठक बताया गया। हमने इससे इनकार कर दिया क्योंकि हम बंद कमरे बैठक के खिलाफ थे। स्वास्थ्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री हमारा इंतजार कर रही थीं। हालांकि, मेल में ऐसा कुछ भी नहीं लिखा था।’