सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप-मर्डर के विरोध में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल मंगलवार को 31वें दिन भी जारी है। सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर की सुनवाई में डॉक्टरों को आज शाम 5 बजे से पहले काम पर लौटने का आदेश दिया था, लेकिन जूनियर डॉक्टरों ने काम पर लौटने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि उन्हें और पीड़ित को अभी तक न्याय नहीं मिला है।
जूनियर डॉक्टरों ने अपने बयान में कहा कि यह विरोध प्रदर्शन अब एक जन आंदोलन बन चुका है और वे सरकार को शाम 5 बजे तक अपनी मांगों को मानने का समय दे रहे हैं। डॉक्टरों ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव को बर्खास्त करने की भी मांग की है और इसके लिए करुणामयी (सॉल्ट लेक) से स्वास्थ्य भवन तक मार्च निकालने की योजना बनाई है।
सरकार और सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ तर्क:
जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि सरकार उनकी हड़ताल को खत्म करने के लिए झूठे आरोप लगा रही है और उन्हें बदनाम कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में सिर्फ 26 मेडिकल कॉलेज हैं और 7,500 से कम जूनियर डॉक्टर हैं, जबकि राज्य में 93,000 रजिस्टर्ड डॉक्टर हैं। ऐसे में उनकी हड़ताल से पूरी मेडिकल सेवा प्रभावित होने का दावा झूठा है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश:
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अगर जूनियर डॉक्टर 10 सितंबर की शाम 5 बजे तक काम पर वापस नहीं आते हैं, तो राज्य सरकार उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान:
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से प्रदर्शन छोड़कर आगामी त्योहारों की तैयारियों पर ध्यान देने की अपील की है, जिस पर डॉक्टरों ने उनकी निंदा की और इसे अमानवीय करार दिया।