सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क – आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: केंद्र सरकार ने 23वें लॉ कमीशन ऑफ इंडिया का गठन कर दिया है, जिसका कार्यकाल 1 सितंबर 2024 से 31 अगस्त 2027 तक रहेगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। सोमवार देर रात कानून मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी किया, जिसमें बताया गया कि पैनल में एक पूर्णकालिक अध्यक्ष, सदस्य-सचिव सहित चार पूर्णकालिक सदस्य होंगे। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज इसके अध्यक्ष और सदस्य के रूप में शामिल होंगे।
22वें लॉ कमीशन का कार्यकाल 31 अगस्त 2024 को समाप्त हो गया था, जिसे पहले 21 फरवरी 2020 को तीन साल के लिए गठित किया गया था। जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने 9 नवंबर 2022 को 22वें लॉ कमीशन के अध्यक्ष का कार्यभार संभाला था, और बाद में उन्हें भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी संस्था लोकपाल का सदस्य भी नियुक्त किया गया था।
22वें लॉ कमीशन ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC), वन नेशन-वन इलेक्शन, पॉक्सो एक्ट और ऑनलाइन FIR जैसे मुद्दों पर सरकार को सुझाव दिए थे, लेकिन UCC पर रिपोर्ट अभी तक अधूरी है। 23वें लॉ कमीशन का गठन इस रिपोर्ट को पूरा करने और अन्य कानूनी मसलों पर सरकार को सलाह देने के उद्देश्य से किया गया है।
इससे पहले, लॉ कमीशन ने 14 जून 2023 को UCC पर आम लोगों और संगठनों से सुझाव मांगे थे, और इस पर 46 लाख से ज्यादा सुझाव प्राप्त हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से दिए अपने भाषण में UCC को समय की मांग बताया था और इसे धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता के रूप में प्रस्तुत किया था।
लॉ कमीशन के गठन के साथ ही यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि आयोग जल्द ही यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देगा और इसे कानून मंत्रालय को सौंपेगा।