सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पद्म विभूषण डॉ. के. कस्तूरीरंगन के निधन पर शुक्रवार को गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि डॉ. कस्तूरीरंगन का जाना न केवल भारत के वैज्ञानिक और शैक्षणिक समुदाय के लिए एक अपूरणीय क्षति है, बल्कि उनके व्यक्तिगत जीवन में भी एक गहरी रिक्तता छोड़ गया है। शिक्षा मंत्री ने उन्हें एक दूरदर्शी, कर्मयोगी और राष्ट्र निर्माता बताते हुए कहा कि वे केवल वैज्ञानिक नहीं बल्कि ज्ञान, करुणा और नेतृत्व के प्रतीक थे।

धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि डॉ. कस्तूरीरंगन के योगदान ने आधुनिक भारत के वैज्ञानिक, शैक्षिक और नीतिगत ढांचे को दिशा दी। विशेष रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को तैयार करने में उनकी अहम भूमिका को उन्होंने आने वाली पीढ़ियों के लिए एक परिवर्तनकारी उपहार बताया।

उन्होंने लिखा कि “मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे वर्षों तक उनका मार्गदर्शन और स्नेह प्राप्त हुआ। वे एक गुरु से कहीं अधिक, एक प्रेरणास्त्रोत थे।”

प्रधान ने कहा कि भारत ने एक ऐसे व्यक्ति को खोया है जिसकी विरासत युवा वैज्ञानिकों, छात्रों और नीति निर्माताओं को प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति और उनके परिजनों, सहयोगियों और प्रशंसकों को सांत्वना देने की प्रार्थना की।

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