सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के मौके पर बीएमएचआरसी में कार्यस्थल पर तनाव को दूर कैसे करें विषय पर पैनल डिस्कशन का आयोजन। ‘संस्थान में अत्यंत महत्वपूर्ण पद पर काम करने वाले अधिकारियों के पास जिम्मेदारियाँ अधिक होती हैं और समय कम। ऐसे में समय प्रबंधन करना और अपने काम को समय पर पूरा करना बहुत चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन इस चुनौती से निपटा जा सकता है। मैंने इसके लिए कुछ नियम बनाए हैं। मैं हमेशा एक डायरी अपने पास रखती हूं। जो काम करना होता है, उसे डायरी में लिख लेती हूं। जो भी काम सामने आता है, उसे पेंडिंग नहीं छोड़ती। सारी फाइल खत्म करने के बाद ही आॅफिस से जाती हूं।‘ यह कहना है बीएमचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ मनीषा श्रीवास्तव का। वह कार्यस्थल पर तनाव को कैसे दूर करें, विषय पर बीएमएचआरसी में आयोजित एक पैनल डिस्कशन में बोल रही थीं। बीएमएचआरसी के मनोचिकित्सा विभाग द्वारा आयोजित किए गए विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के मौके पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस पैनल डिक्शन में इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ साइंस एंड एनवायरनमेंट रिसर्च (आईआईएसईआर) में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ कृष्णा जैन, बीएमएचआरसी के न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संदीप सोरते, इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की प्रमुख डॉ सारिका कटियार, नर्सिंग सुपरिटेंडेंट श्रीमती शीबा रानी कलेश और जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ युग भी शामिल थे।
डॉ श्रीवास्तव ने कहा कि हमारे दोस्त तनाव को दूर करने में बहुत मददगार होते हैं, इसलिए जीवन में अच्छे दोस्त होना बहुत जरूरी है। कार्यस्थल पर भी सभी को रिस्पेक्ट देना चाहिए, चाहे वह सीनियर हों या जूनियर। डॉ कृष्णा जैन ने कहा कि गुटबाजी कार्यस्थल पर तनाव का एक बड़ा कारण है। डॉ संदीप सोरते ने कहा कि एक न्यूरोसर्जन के तौर पर सबसे कठिन काम होता है मरीज और उनके परिवारवालों को संतुष्ट करना। उनकी अपेक्षा होती है कि अस्पताल में एडमिशन के बाद मरीज की जल्द से जल्द सर्जरी हो जाए, जबकि न्यूरोसर्जरी के मरीजों के मामले में कई बार ऐसा करना मुमकिन नहीं होता। कई बार ऐसी स्थितियां निर्मित होती हैं, जिसकी वजह से तनाव होता है, लेकिन उसको ठीक नहीं किया जा सकता। ऐसी स्थिति में तनाव को दूर करने का उपाय है, परिस्थितियों को स्वीकार कर लेना। डॉ सारिका कटियार ने कहा कि शैक्षणिक कार्य करना मुझे पसंद है। ऐसे में आॅफिस में एकेडमिक्स से संबंधित कोई काम करती हूं, तो तनाव गायब हो जाता है। वहीं डॉ योग ने कहा कि सुबह अस्पताल आने से पहले मैं ध्यान करता हूं। इससे तनाव दूर करने में मदद मिलती है। कार्यक्रम के दौरान एक ध्यान सत्र भी हुआ तथा नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं द्वारा कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य विषय पर नाटक का मंचन भी हुआ।
मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह का आयोजन बीएमएचआरसी के मनोचिकित्सा विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ ज्योत्सना जैन ने बताया कि 7 अक्टूबर से शुरू हुए मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के मौके पर अस्पताल में कई प्रतियोगिताओं व गतिविधियों का का आयोजन किया जा रहा है।