सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: राजधानी में हमलावरों द्वारा निर्दोष और बेगुनाह लोगों पर हमले की घटनाये बढती जा रही है। प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था के चलते गुंड़े, मबालियों, नकाबपोश बदमाशों की दहशत और मारपीट करने से आपराधिक कृत्यों से आम नागरिक भी यहां सुरक्षित नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष पुनीत टंडन ने बताया कि अशोका गार्डन थाना अंतर्गत विगत दिवस नकाबपोश बदमाशों द्वारा राह चलते एक आरटीआई एक्टिविस्ट पर हमला किया गया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गये। बदमाशों ने बेसवॉल के डंडे से उनके पैर तोड़ दिये और तलवार से मारने के लिए डराते रहे। उक्त आरटीआई एक्टिविस्ट अवैध रूप से धार्मिक स्थानों पर होर्डिंग्स लगाने, कर्मकार मंडल जैसे मामलों को जनता के सामने उजागर करने का काम कर रहा था।
श्री टंडन ने सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 का हवाला देते हुए कहा कि शासकीय कार्यालयों से लोकहित में जानकारी प्राप्त करने का कानून केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया है, जिसमें देश के प्रत्येक नागरिक को सूचना के अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि भोपाल के आरटीआई एक्टिविस्ट पर जानलेवा हमला होना प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर प्रश्नचिंह खड़ा करता है। बदमाशों द्वारा किया गया यह कृत्य घोर निंदनीय है। ऐसे अनेक मामले सामने आ रहे हैं जिसमें भ्रष्टाचार में लिप्त व्यक्तियों, दबंगों द्वारा भ्रष्टाचार सहित अन्य जनविरोधी गतिविधियों को उजागर करने में सहायक आरटीआई एक्टिविस्टों पर जानलेवा हमला किया जा रहा है।
श्री टंडन से पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर मांग की है कि ऐसी घटना की पुनर्रावृत्ति न हो इसलिए आरटीआई एक्टिविस्ट, कार्यकर्ताओं को शासन द्वारा सुरक्षा-व्यवस्था प्रदान की जाये साथ ही आरटीआई एक्टिविस्टों पर जो घटनाएं हुई हैं, उसमें दोषियों के विरूद्व सख्त कानूनी कार्यवाही की जाये।
पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौपते समय श्री टंडन के साथ सामाजिक कार्यकर्ता डी.पी. सिंह, बृकेश सिंह, दिगंबर झोंपे, संजय मिश्रा, इकबाल खान सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।