सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: कानपुर के लोगों को लाइलाज बीमारी फाइलेरिया से बचाने के लिए दस अगस्त से सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान शुरू किया जाएगा। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन को लेकर सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में शुक्रवार को जिलास्तरीय स्वास्थ्य समन्वय समिति की बैठक हुई।
जिलाधिकारी ने बैठक में सभी विभागों को अंतर विभागीय समन्वय स्थापित कर अभियान को सफल बनाने के निर्देश दिए।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि कोरोना के दौरान शहरी क्षेत्र के वार्डों में जिन निगरानी समितियों का गठन किया गया था, उनका सहयोग इस सर्वजन दवा सेवन अभियान में लिया जाए। इसके साथ उन्होंने कहा कि इस अभियान के दौरान किसी विभाग के स्तर से लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग सहयोग से समस्त सरकारी विभागों जैसे कलक्ट्रेट, विकास भवन, पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण, यूपीआरएलएम आदि में बूथ लगवाकर लोगों को दवा का सेवन करवाया जाए।
बीमारी के बारे में आशा बहुएं करेंगी चर्चा
जिलाधिकारी ने कहा कि आशा बहु व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अभियान से पहले ही बीमारी की भयावहता के बारे में लोगों से चर्चा करें और अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता के साथ सक्रिय भूमिका निभाते हुए दवा का सेवन करवाएं। जिलाधिकारी ने अपील की कि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के तहत फाइलेरिया की दवा खाकर स्वयं को फाइलेरिया से सुरक्षित और कानपुर जनपद को फाइलेरिया से मुक्त बनाएं।
10 अगस्त से 2 सितंबर तक चलेगा अभियान
बैठक में वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ. आरपी मिश्रा ने बताया कि अभियान के तहत दस अगस्त से दो सितम्बर तक दो सदस्यों की टीम घर घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाएंगी। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र के 19,70,552 और शहरी क्षेत्र के 17,54,195 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य है।
जिला मलेरिया अधिकारी अरुण कुमार सिंह ने कहा कि फाइलेरिया विश्व में दिव्यांगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। आईडीए अभियान को मजबूती प्रदान कर सुनिश्चित किया जाए कि जिले में एक भी नया संक्रमण न फैलने पाए। दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को ( गर्भवती और अति गंभीर बीमार लोगों को छोड़ कर) फाइलेरिया से बचाव की तीनों दवाएं खिलानी हैं।
प्रत्येक टीम को एक दिन में 25 घर का भ्रमण कर कम से कम 125 लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलानी होगी।