सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के माखनपुरम बिशनखेड़ी परिसर में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर विद्यार्थियों के साथ संवाद कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी, सहायक प्राध्यापक लोकेंद्र सिंह, एवं सहायक कुलसचिव गिरीश जोशी ने अपने विचार व्यक्त किए।


कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी ने कहा कि शिवाजी महाराज का देश के लिए अप्रतिम योगदान रहा है। उन्हें प्रथम स्थान पर रखते हुए निदेशक तिवारी ने कहा कि वे भारत के असली महानायक थे। उन्होंने कहा कि जहां_जहां शिवाजी महाराज रहे, संघर्ष किया, युद्ध किया, ऐसी जगहों पर आधुनिक भारत के तीर्थ बनने चाहिए। शिवाजी महाराज की वीरता, शौर्य और पराक्रम की प्रशंसा करते हुए उन्होंने विद्यार्थियों को बाबा साहब पुरंदरे की पुस्तक राजा शिव छत्रपति पढ़ने को कहा।


सहायक प्राध्यापक लोकेंद्र सिंह ने कहा कि भारत जब दासता के मकड़जाल में फंसकर आत्मगौरव से दूर हो गया था, तब शिवाजी महाराज ने ‘हिन्दवी स्वराज्य’ की घोषणा करके भारतीय प्रजा की आत्मचेतना को जगाया। उन्होंने जिस राज्य की स्थापना की, उसे भोंसले राज्य, कोंकण राज्य या मराठी राज्य नहीं कहा बल्कि ‘हिन्दवी स्वराज्य’ नाम दिया।
सहायक कुलसचिव गिरीश जोशी ने विद्यार्थियों के समक्ष छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन के प्रेरक प्रसंगों को रखा एवं उनके माध्यम से विद्यार्थी क्या सबक ले सकते हैं इस बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने अपनी बात की शुरुआत अंग्रेजों के अंतिम सेक्रेटरी फिलिप मैसर्ड के वक्तव्य से की, जिसमें उन्होंने ने कहा था कि यदि शिवाजी 5 वर्ष और जीवित रहते तो अंग्रेज इस देश पर राज्य नहीं कर सकते थे। निदेशक जोशी ने अपने वक्तव्य में शिवाजी महाराज की टीम चयन के तरीके के बारे में भी बताया। उन्होंने बहिर्जी नायक और उनके अंगरक्षक जीव महाला का उदाहरण दिया। उन्होंने शिवाजी महाराज के राज्य सिस्टम बेस्ड अप्रोच, स्टार्ट अप, वित्त प्रबंधन आदि अनेक खूबियों के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव अविनाश वाजपेयी, डीन अकादमिक पी. शशिकला, डीन छात्र कल्याण मनीष माहेश्वरी, विभागाध्यक्ष मोनिका वर्मा, आरती सारंग, संजीव गुप्ता, निदेशक प्रोडक्शन आशीष जोशी, सभी विभागों के शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

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