सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: मलेंडी, मानपुर, आशापुरा और बड़गोंदा क्षेत्रों में बाघ की फिर से मौजूदगी के बाद वन विभाग सतर्क हो गया है। मानसून के बाद जंगलों में 5 से 6 फीट ऊंची घास के कारण बाघ आसानी से नजर नहीं आ रहा है, जिससे खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों को मवेशियों को लेकर जंगल में जाने से रोकने के लिए वन विभाग ने गश्त तेज कर दी है।
अब तक मलेंडी क्षेत्र में बाघ द्वारा एक बछड़े का शिकार किए जाने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा तेंदुए ने भी महू, मानपुर और चोरल रेंज के जंगलों में 28 शिकार किए हैं। वन विभाग ने सुरक्षा के चलते नर्सरियों में भी प्रवेश बंद कर दिया है, ताकि अनावश्यक लोगों को किसी खतरे से बचाया जा सके। विभाग को चिंता है कि बाघ ने इंसानों पर हमला किया तो स्थिति गंभीर हो सकती है, क्योंकि वन क्षेत्र और नर्सरी का इलाका आपस में जुड़ा हुआ है।
वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क रहने और जंगल में न जाने की सख्त हिदायत दी है।