सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: ट्रैफिक की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए इंदौर को फ्लायओवर सिटी के रूप में विकसित करने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है। फिलहाल इंदौर में प्रदेश के सबसे अधिक 20 फ्लायओवर हैं, जिनमें से चार का हाल ही में मुख्यमंत्री ने लोकार्पण किया था। इसके अलावा, 17 फ्लायओवर और रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) पर निर्माण कार्य जारी है।

शहर की बढ़ती ट्रैफिक समस्याओं को देखते हुए प्रशासन ने 1400 करोड़ रुपये की लागत से 19 नए फ्लायओवर प्रस्तावित किए हैं, जो आने वाले तीन वर्षों में पूरे किए जाएंगे। हालांकि, इंदौर अभी देश की शीर्ष फ्लायओवर सिटीज़ से काफी पीछे है। उदाहरण के लिए, चेन्नई में 272 से अधिक फ्लायओवर और रेलवे ओवरब्रिज हैं।

400 करोड़ के फ्लायओवर पर काम जारी इंदौर के 17 फ्लायओवर और आरओबी के निर्माण कार्यों में से 400 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स का काम इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) के अधीन चल रहा है। इसके अलावा, एमपीआरडीसी, एनएचएआई, और पीडब्ल्यूडी द्वारा भी फ्लायओवर निर्माण पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। कुल मिलाकर 1068 करोड़ रुपये की लागत के प्रोजेक्ट्स पर काम जारी है।

प्रमुख फ्लायओवर निर्माण स्थल शहर में जिन स्थानों पर फ्लायओवर निर्माण का काम जारी है, उनमें लसूड़िया मोरी, बाणगंगा, देवास नाका, सत्यसाईं चौराहा, पोलोग्राउंड, मूसाखेड़ी चौराहा, राऊ सर्कल, अर्जुन बड़ौद और एमआर-10 बायपास जैसे महत्वपूर्ण स्थल शामिल हैं।

इसके अलावा, नए प्रस्तावित फ्लायओवर शहर के बड़े जंक्शनों पर बनाए जाएंगे ताकि ट्रैफिक का दबाव कम किया जा सके। बीआरटीएस मार्ग पर बनने वाले फ्लायओवर के लिए केंद्र सरकार से भी राशि स्वीकृत की गई है।

फंड रेजिंग के प्रयास नए फ्लायओवर के निर्माण के लिए फंड जुटाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। आईडीए को निर्देश दिया गया है कि विभिन्न स्कीमों में चिन्हित सरकारी जमीनों को बेचकर फंड जुटाया जाए, जिससे फ्लायओवर निर्माण कार्यों में कोई देरी न हो।

इंदौर प्रशासन के ये कदम शहर को ट्रैफिक समस्या से राहत दिलाने के साथ ही उसे फ्लायओवर सिटी के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होंगे।