सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: उज्जैन जिला प्रशासन द्वारा सिंहस्थ के लिए अधिग्रहित की गई न्याय प्रधान श्री आचार्य महाप्रभुजी की बैठक ट्रस्ट की जमीन को 8 साल तक लौटाने में असफल रहने पर हाई कोर्ट ने प्रशासन को तत्काल जमीन का कब्जा सौंपने का आदेश दिया है।
यह मामला 1 अप्रैल 2015 से 30 जून 2016 तक की अवधि के लिए सिंहस्थ में उपयोग के लिए जमीन के अस्थायी अधिग्रहण से संबंधित है। सिंहस्थ समाप्त होने के बाद, जब ट्रस्ट ने जमीन लौटाने का आवेदन किया, तो प्रशासन ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया।
कोर्ट में पहुंचा मामला
2019 में, जब प्रशासन ने जमीन लौटाने में देरी की, ट्रस्ट ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने सुनवाई के बाद ट्रस्ट के पक्ष में फैसला सुनाया।
शासन का जवाब न देना
हाई कोर्ट ने शासन को नोटिस जारी किया था, लेकिन प्रशासन ने कोई जवाब नहीं दिया। जस्टिस एसए धर्माधिकारी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की और शासन द्वारा फिर से जवाब के लिए समय मांगने पर हाई कोर्ट ने यह अवसर समाप्त कर दिया।
निष्कर्ष
हाई कोर्ट के इस आदेश ने ट्रस्ट को उसकी संपत्ति पुनः प्राप्त करने में सहायता प्रदान की है और यह दर्शाता है कि सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही कितनी महत्वपूर्ण है।