सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कइंटीग्रेटेड ट्रेडन्यूज़ भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में विकास के कार्य निरंतर चलते रहें। हर जिले में विकास कार्यों को पूरा करने के लिए रोड मैप तैयार कर लिया जाए। जिले के विकास कार्यों को ध्यान में रखते हुए विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रवार भी विकास कार्यों का विभाजन कर लिया जाए। आगामी चार-पांच वर्षों के लिए यह रोड मैप तैयार किया जाए। विकास कार्यों को प्राथमिकता निर्धारित कर पूरा करने की योजना भी बनाई जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव समत्व भवन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिलों के विकास कार्यों की जानकारी ले रहे थे। वीडियो कांफ्रेंसिंग में जिलों से मंत्रीमण्डल के सदस्य, सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी वर्चुअली जुड़े। मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर कुमार सक्सेना, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता वाली योजनाओं का लाभ किसानों, महिलाओं, गरीबों और युवाओं को पात्रतानुसार मिले। कोई भी हितग्राही जनहितैषी योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सबसे अधिक लगभग चार करोड़ आयुष्मान कार्ड बने हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उपलब्धि के लिये जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को बधाई दी। प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना का हितग्राहियों को वृहद स्तर पर लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन पर जनप्रतिनिधि व्यक्तिगत रूप से ध्यान देकर कार्य करें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एक जिला-एक उत्पाद योजना की मार्केटिंग हो। रोजगारपरक कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों की बेहतर भूमिका रहे। जल-गंगा संवर्धन अभियान और पौधरोपण अभियान बड़े पैमाने पर चलता रहे। पौधरोपण अभियान के तहत अच्छे छायादार और फलदार पौधे लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि जबलपुर, इंदौर, भोपाल सहित विभिन्न जिलों में वृहद स्तर पर पौधे लगाने का कार्य अच्छा हुआ हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कहा कि स्कूल चलें अभियान, कॉलेज चलें अभियान के अंतर्गत कोई भी विद्यार्थी प्रवेश से वंचित न रहे। आंगनवाड़ियों का संचालन बेहतर हो। आंगनवाड़ियों में केजी-1 और केजी-2 की कक्षाएं शुरू की जाएंगी। इसके लिए प्रशिक्षण जल्द शुरू होगा। अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रावास और आश्रमों का भी भ्रमण कर जनप्रतिनिधि व्यवस्थाएं सुधारने में सहयोग करें। सभी स्थानीय निकायों के कार्यालय नियमित रूप से खुलें। जन प्रतिनिधियों का जिला प्रशासन से अच्छा समन्वय हो।