सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय एवं रिसर्च जर्नल समागम के संयुक्त तत्वावधान में लोकमाता देवी अहिल्या की जन्म जयंती स्मरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एमसीयू के सिटी कैंपस में आयोजित इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री एवं विधायक सुश्री अर्चना चिटनीस, विशिष्ट अतिथि मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक श्री विकास दवे थे । कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. डॉ.के.जी.सुरेश ने की। इस अवसर पर समागम पत्रिका की ओर से देवी अहिल्या पर निकाला गया विशेषांक मां का विमोचन भी किया गया।
विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो.के.जी. सुरेश ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि देवी अहिल्या एक कुशल प्रशासक थी। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता के क्षेत्र में उन्होंने अद्भुत कार्य किया है। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई ने देश के विभिन्न बड़े-बड़े धार्मिक स्थलों एवं पवित्र नदियों के घाटों का निर्माण किया । 12 ज्योतिर्लिंगों का भी नवनिर्माण उनके द्वारा किया गया।
विशिष्ट अतिथि मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने कहा कि देवी अहिल्या पर लिखना मतलब विराट व्यक्तित्व पर लिखना है। उन्होंने कहा कि अहिल्या को आमजन ने लोकजनक की उपाधि प्रदान की थी। डॉ. दवे ने कहा कि वे दृढ़ व्यक्तित्व की धनी थीं। पूर्व मंत्री एवं विधायक सुश्री अर्चना चिटनीस ने कहा कि कूटनीति, शौर्य, रोजगार, व्यवसाय में आदि में देवी अहिल्या का शासनकाल अद्भुत था । उन्होंने देवी अहिल्या देवी के कौशल की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा कि वह मानव इतिहास में विरली शासक थी, जिन्हें पुण्य श्लोका लोकमाता देवी अहिल्या कहा गया है । उन्होंने कहा कि स्त्री हमेशा से सशक्त रही हैं, लोकमाता अहिल्या इसका उदाहरण है।
कार्यक्रम का संचालन एमसीयू सिटी कैंपस के निदेशक एवं सहायक कुलसचिव श्री विवेक सावरीकर एवं आभार प्रदर्शन समागम पत्रिका के संपादक श्री मनोज कुमार द्वारा किया गया । इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. डॉ.अविनाश वाजपेयी, आकाशवाणी भोपाल के समाचार संपादक श्री संजीव शर्मा, जनसंचार विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. आरती सारंग, संचार शोध विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी, सांध्यकालीन पाठ्यक्रम के प्रभारी श्री प्रदीप डहेरिया, पूर्व विद्यार्थी प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ. लाल बहादुर ओझा एवं कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।