सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : उन्होंने कहा है कि “यह कह सकते हैं कि हमसे चूक हुई है कि लेकिन वो चूक ऐसी नहीं थी है कि हमारी नियत ख़राब थी”.

दिल्ली के राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में शनिवार शाम को पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी. बेसमेंट में कोचिंग संस्थान की तरफ़ से लाइब्रेरी का संचालन किया जा रहा था.

इस घटना में दो लड़की और एक लड़के की मौत हो गई थी. जिसके बाद से ही सिविल सेवाओं की तैयारी करने वाले छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं.

छात्र दृष्टि आईएएस कोचिंग और उसके संस्थापक विकास दिव्यकीर्ति के घर के बाहर भी प्रदर्शन कर रहे थे. सोशल मीडिया पर इसको लेकर मुहीम भी चलाई जा रही थी.

दृष्टि आईएएस कोचिंग के संस्थापक विकास दिव्यकीर्ति ने  बात करते हुए अपना पक्ष रखा है.

उन्होंने कहा है कि “हमसे चूक हुई है लेकिन यह चूक ऐसी नहीं थी कि हमारी नियत ख़राब थी, लेकिन नियमों के स्तर पर हमसे चूक हुई है.”

उन्होंने कहा कि अगर हम दिल्ली की बात करें तो यहां पर हजार से ज्यादा कोचिंग संस्थान हैं. किसी भी एक कोचिंग संस्थान के पास शिक्षण संस्थाओं के लिए जारी की जाने वाली फायर एनओसी नहीं है.

उन्होंने कहा है कि जहां तक बात हमारे बेसमेंट की है, करोल बाग स्थित हमारी चार पांच बिल्डिंगों में से एक इमारत का बेसमेंट सील हुआ है.

उन्होंने कहा कि करोल बाग स्थित हमारे बेसमेंट को लेकर हमारे पास कमर्शियल अनुमति है. एनओसी में लिखा हुआ है कि उसमें ऑफिस चलाया जा सकता है और उसमें ऑफिस ही चलाया जा रहा था.

विकास दिव्यकीर्ति ने कहा है कि मैं एमसीडी का दिल से शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने सील करने की कार्रवाई की है.

उन्होंने कहा है कि मैं चाहूंगा पूरे दिल्ली में जहां भी असुरक्षित तरीके से क्लास चलती हो चाहे वो हमारी ही बिल्डिंग क्यों ना हो उस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. लेकिन सरकार की तरफ से एक पॉलिसी बननी चाहिए और पारदर्शिता होनी चाहिए.

इससे पहले दृष्टि आईएएस ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपना पक्ष रखा था.