सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: गुरुवार को पूरे देश में सुपरमून का अद्भुत नजारा देखा गया। इस दौरान चंद्रमा का आकार सामान्य से 14% बड़ा और 30% ज्यादा चमकीला नजर आया। सुपरमून तब होता है जब पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी सबसे कम होती है, जिससे चाँद अधिक बड़ा और चमकीला दिखाई देता है।

सुपरमून का अद्भुत दृश्य

दिल्ली, गुवाहाटी, कश्मीर सहित कई हिस्सों में सुपरमून को देखने के लिए लोग उत्सुकता से बाहर आए। दिल्ली के इंडिया गेट और रायसीना हिल पर भारी भीड़ ने इस चाँद का दीदार किया। श्रीनगर के हजरतबल दरगाह के पीछे भी सुपरमून का शानदार दृश्य देखने को मिला।

अगला सुपरमून

इस साल का यह तीसरा सुपरमून था। साल का पहला सुपरमून 19 अगस्त को दिखाई दिया था, जब चाँद धरती से 361,969 किमी दूर था। हाल ही में 18 सितंबर को भी एक सुपरमून देखा गया था। साल का चौथा सुपरमून 15 नवंबर को दिखाई देगा, जब चाँद धरती से 361,866 किमी दूर रहेगा।

सुपरमून की वैज्ञानिक जानकारी

सुपरमून के दौरान चाँद की दूरी लगभग 351,519 किमी थी। जब चाँद पेरिजी यानी धरती के सबसे करीब होता है और पूर्णिमा होती है, तो इसे सुपरमून कहा जाता है। चाँद की कक्षा अंडाकार होती है, जिससे दूरी में हर दिन बदलाव होता है। अपोजी में यह धरती से लगभग 4,05,000 किमी और पेरिजी में करीब 3,63,104 किमी दूर होता है।

सुपर बक मून

जुलाई में दिखाई देने वाला सुपरमून बक मून कहलाता है, जिसका अर्थ है वयस्क नर हिरण। यह नाम इसलिए रखा गया है क्योंकि इस समय हिरणों के नए सींग उगते हैं।

निष्कर्ष

सुपरमून का यह नजारा लोगों के लिए एक यादगार अनुभव था, जो उन्हें चाँद की सुंदरता और वैज्ञानिक जानकारियों से अवगत कराता है।