सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: अशोकनगर जिले में साइबर अपराध का एक हाई-प्रोफाइल मामला सामने आया है, जहां भाजपा के मीडिया प्रभारी हरवीर रघुवंशी को साइबर अपराधियों ने अपने जाल में फंसा लिया। यह घटना डिजिटल युग में बढ़ते साइबर फ्रॉड की गंभीरता को दर्शाती है।
कैसे फंसे नेता जी?
साइबर अपराधियों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर रघुवंशी को पहले ऑडियो कॉल और फिर वीडियो कॉल के जरिए धमकाया। कॉल में कहा गया कि उनके खिलाफ 17 एफआईआर दर्ज हैं और उन्हें तुरंत जुर्माने के रूप में पैसे जमा करने होंगे।
डर से कमरे में दुबके रहे नेता जी
इस धमकी से डरकर हरवीर रघुवंशी तीन घंटे तक अपने कमरे में छिपे रहे। जब उन्होंने काफी देर तक दरवाजा नहीं खोला, तो उनके परिजनों ने पुलिस को सूचना दी।
पुलिस की तत्परता से बची जान
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मामले की जांच की और पाया कि यह एक साइबर फ्रॉड का मामला था। नेता जी को हैकर्स के चंगुल से बाहर निकाला गया और उन्हें सुरक्षा प्रदान की गई।
डिजिटल क्राइम से सतर्क रहें
इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित किया है कि साइबर अपराधियों से सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे कॉल या मैसेज का तुरंत सत्यापन करें और अनजान नंबरों से मिली जानकारी पर तुरंत कार्रवाई न करें।