सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के उस बयान ने देशभर में एक नई बहस छेड़ दी है, जो उन्होंने विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में दिया। इस बयान में उन्होंने कहा कि भारत को बहुसंख्यक समाज की इच्छाओं के अनुसार चलना चाहिए। उनका यह बयान भारत के संवैधानिक ढांचे और धर्मनिरपेक्षता पर सवाल खड़ा करता है।

न्यायमूर्ति यादव ने अपने भाषण में यह भी कहा कि संविधान सभी धर्मों का सम्मान करता है, लेकिन बहुसंख्यक समाज की राय को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

उनके इस बयान पर विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं। विपक्ष ने इसे संविधान विरोधी बताते हुए आलोचना की है, जबकि कुछ संगठनों ने इसका समर्थन भी किया है।

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