भोपाल । कांग्रेस की यूपीए सरकार ने नागरिकों के सशक्तिकरण के लिए कानून के माध्यम से जनता के हाथ में जो शक्ति दी थी, उनमें से एक भोजन के अधिकार का कानून भी था।जिसके कारण देश की गरीब जनता को सार्वजनिक वितरण प्रणाली से रियायती दरों पर अनाज दिया जाता है। यह कांग्रेस के इस कानून की ही ताकत है कि भारतीय जनता पार्टी की अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने जिस पीडीएस सिस्टम पर हमला किया था सब्सिडी खत्म की थी पेंशन व्यवस्था खत्म की थी उसे कांग्रेस पार्टी ने अपना दायित्व समझ कर वापिस स्थापित किया। आज महामारियों के और बीमारियों के शिकार देश में यह कानूनी शक्ति ही जीवन सुरक्षा का कवच बनी है। अच्छी योजनाओं को नष्ट करने की भाजपाई मंशा के बावजूद भोजन का अधिकार सुरक्षित है ।उसे भाजपा सरकार को चलाना पड़ रहा है। इसके लिए वे धन्यवाद के पात्र हैं किंतु यह अनाज वह अपने खेत से काटकर नहीं दे रहे हैं यह संसाधनों पर जनता के अधिकार का हिस्सा है।
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा की भूखे और गरीब लोगों के पेट में दाना पहुंचाने की लिए जश्न मनाने का भाजपा ने जो रास्ता चुना वह निंदनीय तो है ही बर्बराना भी है। गरीबों को घंटे भर तक राशन देने की बजाय तब तक बिठा कर रखा गया जब तक कि प्रधानमंत्री का एवं मुख्यमंत्री का भाषण पूरा नहीं हो गया। लगता है कि यह जश्न अनाज देने के लिए नहीं बल्कि जनता के पैसे से भीड़ को इकट्ठा कर मोदी जी का भाषण सुनाने के लिए मनाया गया। भाजपा के पुराने नेता कहते थे लोकतंत्र लोक लाज से चलता है लेकिन इस कार्यक्रम में तो भाजपा ने लोकलाज ही बेच दी। भाजपा के कार्यकर्ता गरीबों को पकड़ पकड़ कर घोड़े पर बैठा रहे थे, ढोल ढमाके बजवा रहे थे। उनके सर पर साफा बांध रहे थे जैसे कि वे शादी में शामिल हो रहे हों। उनकी सेल्फी ले रहे थे ताकि वे उसकी गरीबी ,बेवसी और अभावग्रस्तता को बेच सकें।
गुप्ता ने सरकार के प्रसारित वक्तव्य की प्रति जारी कर कहा कि सरकार ने अपने अधिकृत वक्तव्य में बताया है कि सरकार गेहूं, चावल और दाल अनाज के रूप में देगी किंतु केवल 10 किलो गेहूं ही दिया गया है। चावल और दाल कहां हैं? यह दाल-चावल की कमी भूल है या घोटाला जांच का विषय है? यहां भी झूठ और घोटाला वाह भाजपा वाह। गुप्ता ने कहा कि रु.10 का अनाज रु.14 की थैली और रु.30 की पिसाई यही है यही है गरीबों की जग हंसाई।