सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने पुणे में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि व्यक्ति को अहंकार से दूर रहना चाहिए, वरना वह गड्ढे में गिर सकता है। उन्होंने कहा कि देश के विकास के लिए समाज के हर वर्ग को मजबूत बनाना जरूरी है।
भागवत ने कहा, “हर व्यक्ति में एक सर्वशक्तिमान ईश्वर का अंश होता है, जो समाज की सेवा करने की प्रेरणा देता है, लेकिन अहंकार भी मौजूद होता है। सेवा का असली उद्देश्य नागरिकों को विकास में योगदान देने में सक्षम बनाना होना चाहिए, न कि केवल दिखावे तक सीमित रहना।”
समाज में सकारात्मक कार्यों को पहचानने की जरूरत
संघ प्रमुख ने समाज में बढ़ती नकारात्मकता पर कहा कि हर नकारात्मक पहलू के लिए समाज में 40 गुना ज्यादा सकारात्मक और सेवा कार्य किए जा रहे हैं। इन प्रयासों के बारे में लोगों को बताना बेहद जरूरी है।
लोकसभा चुनाव पर बयान
10 जून को नागपुर में भागवत ने कहा था कि चुनावों में मुकाबला जरूरी है, लेकिन यह झूठ और मर्यादा तोड़ने पर आधारित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, “जो मर्यादा में रहकर कार्य करता है और अहंकार से दूर रहता है, वही सच्चा सेवक कहलाने का अधिकारी है।”
मणिपुर की स्थिति पर चिंता
भागवत ने मणिपुर की स्थिति को प्राथमिकता से सुलझाने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “मणिपुर बीते एक साल से शांति की राह देख रहा है। 10 साल तक वहां शांति थी, लेकिन हाल ही में गन कल्चर बढ़ गया है। सरकार को इसे प्राथमिकता के साथ हल करना चाहिए।”
हिंदू समाज को एकजुट होने की अपील
संघ प्रमुख ने हिंदुओं से मतभेद भुलाकर एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है और हमें आपसी विवादों को खत्म कर समाज की एकता को बनाए रखना होगा।
भागवत के इस बयान को देश में सामाजिक एकता और राष्ट्र निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
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