सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: पश्चिम बंगाल के गवर्नर आनंद बोस ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अपराजिता बिल राज्य सरकार की लापरवाही के कारण पेंडिंग है। गवर्नर के अनुसार, ममता सरकार ने बिल के साथ जरूरी टेक्निकल रिपोर्ट नहीं भेजी, जिसकी वजह से इस पर मंजूरी नहीं दी जा सकती।
राजभवन से 5 सितंबर को जारी बयान में बताया गया कि ममता सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े इस महत्वपूर्ण बिल पर कोई होमवर्क नहीं किया है। इससे पहले भी कई बिल बिना टेक्निकल रिपोर्ट के भेजे गए, जिससे वे पेंडिंग रह गए।
बिल की विशेषताएं और गवर्नर की नाराजगी
गवर्नर ने इस बिल को आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश के कानूनों की नकल बताया है। उन्होंने कहा कि ममता सरकार सिर्फ दिखावे के लिए धरने-प्रदर्शनों में भाग ले रही है। गवर्नर ने कहा कि बंगाल में कानून तो है, लेकिन उसका पालन नहीं हो रहा है। उन्होंने ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद कहा कि पीड़ित परिवार और पूरा बंगाली समाज न्याय चाहता है।
अपराजिता बिल के प्रमुख बिंदु
बिल में रेप मामलों की जांच 21 दिनों में पूरी करने का प्रावधान है, और दोषियों को उम्रकैद या फांसी की सजा का प्रावधान है, विशेषकर अगर विक्टिम की मौत हो जाए या वह कोमा में चली जाए।
गवर्नर बोस ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाया है और कहा कि राज्य सरकार को कार्रवाई में किसी तरह की देरी नहीं करनी चाहिए।