भोपाल । राजधानी में अलग-अलग जिलों से आई 2 हजार के करीब आशा कार्यकर्ताओं की मंगलवार को स्वास्थ्य आयुक्त से चर्चा बेनीताजा रही। प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मी कौरव ने कहा कि इस बार आरपार की लड़ाई है। जब तक सरकार मांगे नहीं मानती हम पीछे नहीं हटेंगे। इसके बाद आशा कार्यकर्ता सड़क पर आकर बैठ गई। जिससे सड़क पर लंबा जाम लग गई। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को सड़क से हटाया। उधर, सरकार के खिलाफ नीलम पार्क में धरने पर बैठी आशा कार्यकर्ताओं को कांग्रेस का साथ मिल गया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आशा कार्यकर्ताओं का समर्थन कर उनकी उनकी मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आशा ऊषा कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के समर्थन देने की की बात कही। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान आशा – ऊषा कार्यकर्ता बहनों ने कोरोना के नियंत्रण एवं बचाव के लिए निरंतर काम किया, कोरोना योद्धा का अपना दायित्व ईमानदारी पूर्वक निभाया परंतु शिवराज सरकार के संवेदनहीन रवैये के चलते आज आशा- ऊषा कार्यकर्ता ,राजधानी भोपाल में बारिश के मौसम में खुले आसमान में आंदोलन करने को मजबूर हैं ? बता दें आशा कार्यकर्ताएं अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही है। उनका कहना स्वास्थ्य मंत्री ने 10 हजार रुपए मानदेय करने का आश्वासन दिया था। इसके एक महीने बाद भी आश्वासन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। आशा कार्यकर्ताओं को अभी भी 2 हजार रुपए ही वेतन मिलता है।
कमलनाथ ने कहा कि सरकार ने एक माह पूर्व इनके मानदेय को बढ़ाने व इनकी मांगो पर निर्णय का ठोस आश्वासन दिया था लेकिन एक माह बाद भी इनकी माँगो पर अभी तक कोई निर्णय नही लिया गया है? बेहद शर्मनाक है कि जब यह बहने सरकार को उनका वादा याद कराने भोपाल आई है तो इन बहनो को मामा की सरकार ने जेल की तरह कैद कर दिया है, यह बहने आज अपने बच्चों के साथ भूखे – प्यासे ताले में नीलम पार्क में कैद है, इन्हें नजऱबंद कर दिया गया है, मीडिया का प्रवेश भी प्रतिबंधित कर दिया गया है ? सरकार इनको रोजग़ार देने की बजाय बेरोजग़ार करने में लगी हुई है ? कांग्रेस आशा-उषा कार्यकर्ता बहनों की मांगों का पूर्ण समर्थन करती है और हम सरकार से मांग करते है कि आशा-उषा कार्यकर्ताओ की मांगों पर सरकार तत्काल निर्णय ले।