सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: प्रदेश में अर्नेस्ट डिपाॅजिट मनी (ईएमडी) वापस न होने की बात सामने आई है। पिछले पांच सालों (2018 से 2023) से वर्क्स डिपार्टमेंट (निर्माण विभागों) की ईएमडी बैंकों में जमा है, जो 200 करोड़ रुपए स‍े ज्यादा है।

यह जमा राशि चालू बैंक खातों में पड़ी है, जिस पर हर महीने एक करोड़ रुपए ब्याज की राशि सरकार को नहीं मिल पा रही है और न ही जमा करने वालों को।

इस मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है। बगैर किसी वजह के अर्नेस्ट डिपाॅजिट मनी के मामले में लोक निर्माण विभाग में ही सड़कों और पुलों के 3400 मामले सामने आए हैं जिनमें 103 करोड़ 15 लाख रुपए की राशि वापस नहीं हुई है।

इन विभागों के भी मामले- ऐसे मामले जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के हैं। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव डीपी आहूजा ने एल-1 बिडर की ईएमडी टेंडर पोर्टल में कांट्रेक्ट अवाॅर्ड होने की जानकारी दर्ज करने को कहा है, ताकि टेंडर होने के बाद बाकी ठेकेदारों को लौटाई जा सके।

यह है मामला
ईएमडी होने के मामले में जितने बिडर टेंडर भरते हैं उन्हें टेंडर की 2 प्रतिशत राशि ईएमडी जमा कराना होता है। यानी यह राशि यदि 100 करोड़ रुपए का टेंडर है तो 2 करोड़ रुपए है। यह राशि एल-1 बिडर को छोड़कर शेष ठेकेदारों को 45 दिन में लौटाए जाने के नियम है, लेकिन 2018 से 2023 के बीच यह राशि अब तक नहीं लौटाई गई है। पीडब्ल्यूडी के वर्तमान में 3400 टेंडर लाइव हैं। इन मामलों में 103 करोड़ 15 लाख रुपए की राशि जमा है जो लौटाई नहीं गई है।

यह रही वजह
चालू कामों में टेंडर अवार्ड होने के बाद उसकी बिड की जानकारी मुख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री, कार्यकारी अभियंता, सहायक अभियंता को पोर्टल पर अपडेट करना होता है। 3400 मामलों में इसे करना तो लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर भूल गए।

जानकारी अपडेट होने पर एल-1 बिडर की अर्नेस्ट डिपाॅजिट मनी सरकार के खाते में जमा हो जाती। बाकी जिन बिडर ने टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया है उन्हें 45 दिन में ईएमडी की राशि वापस होनी थी जो नहीं हुई।

सरकार ने दिए एक महीने में निराकरण करने के निर्देश

अर्नेस्ट डिपाॅजिट मनी की वापसी के मामले में एक महीने में निराकरण करने निर्देश सरकार ने जारी किए गए हैं। इसमें खास बात यह है कि पिछले पांच सालों से यह राशि क्यों रुकी इसकी भी जांच की जाएगी। इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

इन मामलों की बड़ी संख्या में शिकायत शासन स्तर पर हुई थी। इस तरह के साढ़े तीन हजार से ज्यादा प्रकरण हैं जिसके तहत संबंधितों की राशि वापस नहीं लौटाई गई। यह राशि 103 करोड़ से अधिक की है। वहीं लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह का कहना है कि ईएमडी की अकारण से जो राशि जमा है उसे वापस करवाया जाएगा।