सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: अन्नपूर्णा तालाब के पानी को साफ रखने और मछलियों समेत अन्य जीव-जंतुओं के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए एक अनोखी पहल की गई है। इंदौर की स्टार्टअप कंपनी क्लीन वाटर ने तालाब पर एक कमल के आकार का एरेटर लगाया है, जो सौर ऊर्जा से संचालित होता है। यह एरेटर तालाब के पानी में ऑक्सीजन का प्रवाह सुनिश्चित करेगा, जिससे पानी साफ रहेगा और तालाब के जीवों का जीवन लंबा होगा।
देश में पहला ऐसा प्रयोग कंपनी ने बताया कि यह देश का पहला ऐसा एरेटर है, जो सौर ऊर्जा से चलता है। इस प्रोजेक्ट को आईआईटी कानपुर और आईआईटी रोपड़ से 40 लाख रुपये का फंड भी मिला है। अब तक तालाब में 5 फ्लोटिंग आइलैंड लगाए गए हैं और एक लोटस एरेटर भी स्थापित हो चुका है, जबकि 4 और एरेटर लगाने की योजना है।
सोलर पैनल से चलने वाला एरेटर लोटस एरेटर को सौर ऊर्जा से संचालित किया जा रहा है, जिसमें 18 सोलर पैनल लगे हैं। इनमें से 12 पैनल एरेटर के लिए बिजली उत्पादन करते हैं और 6 पैनल से तालाब के आस-पास लाइट जलती है। एरेटर दिन में 3-4 घंटे काम करेगा और चारों दिशाओं में पानी को साफ करने का काम करेगा।
पूजन सामग्री से हो रहे जल प्रदूषण को रोकने की पहल तालाब में क्षेत्र के 300-400 घरों की पूजन सामग्री डाली जाती है, जिसमें फूल, पत्तियां, सिंदूर, कुमकुम जैसे केमिकल युक्त पदार्थ होते हैं, जो पानी को दूषित करते हैं। पिछले साल तालाब में एक ही दिन में लाखों मछलियां मर गई थीं। इस समस्या को हल करने के लिए फ्लोटिंग आइलैंड लगाए गए हैं, जो पानी से घातक केमिकल्स को सोख लेते हैं।
जन-जागरूकता के प्रयास कंपनी ने तालाब में पूजा सामग्री डालने से रोकने के लिए जन-जागरूकता फैलाने का भी संकल्प लिया है। इसके तहत तालाब के आस-पास एक ऊंची दीवार बनाई जाएगी और पोस्टर लगाए जाएंगे, ताकि लोग अपनी पूजन सामग्री तालाब में न डालें। कंपनी 6 महीने तक इस प्रोजेक्ट की देखभाल करेगी, उसके बाद इसे नगर निगम को सौंप दिया जाएगा।
यह अनोखा कदम इंदौर के पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित होगा।