सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: अमेरिका ने खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश से जुड़े मामले में भारत के सहयोग की सराहना की है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि भारतीय अधिकारी हमें अपनी जांच का अपडेट दे रहे हैं और हम भी उन्हें अपनी जांच की जानकारी साझा कर रहे हैं।

पन्नू मामले में नए खुलासे

मिलर ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि जिस शख्स पर पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप था, वह अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है। इससे पहले अमेरिका ने आरोप लगाया था कि निखिल गुप्ता, जो इस साजिश में आरोपी है, भारत सरकार के एक कर्मचारी का सहयोगी है। निखिल गुप्ता पर न्यूयॉर्क में पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप है।

निखिल गुप्ता की गिरफ्तारी

निखिल गुप्ता को 30 जून 2023 को चेक रिपब्लिक पुलिस ने गिरफ्तार किया था और बाद में 14 जून 2024 को उसे अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया। गुप्ता ने अमेरिका में अदालत में खुद को निर्दोष बताया है।

पन्नू की हत्या की साजिश का विवरण

अमेरिकी एजेंसियों के अनुसार, पन्नू को मारने की योजना पिछले साल सितंबर में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के समय बनाई गई थी। चार्जशीट के मुताबिक, भारत के एक पूर्व अधिकारी ने निखिल गुप्ता को पन्नू की हत्या की योजना बनाने के लिए कहा था।

शास्त्रीय भाषा का दर्जा

भारत सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया था। पन्नू, जो कनाडा और अमेरिका की नागरिकता रखता है, भारत में खालिस्तान के समर्थकों को वित्तीय मदद करता है।

पन्नू पर आरोप

गुरपतवंत सिंह पन्नू मूलरूप से पंजाब के खानकोट का रहने वाला है और वह अमेरिका में “सिख फॉर जस्टिस” नामक संगठन का संचालन करता है। उसे अलगाववाद को बढ़ावा देने और सिख युवाओं को उग्रवाद के लिए प्रेरित करने के आरोप में आतंकवादी घोषित किया गया था।

इस प्रकार, पन्नू मामले में अमेरिका और भारत के बीच की जांच और सहयोग की प्रक्रियाएं महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं।