सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसीन्यूज़ भोपाल : भारत के अग्रणी सामाजिक उद्यम आईसेक्ट द्वारा चौथे समर्थ भारत कॉन्क्लेव – 2024 का शुभारंभ कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में किया गया। इस कॉन्क्लेव का विषय ‘ विकसित भारत के निर्माण में कौशल विकास, वित्तीय समावेशन और सामाजिक उद्यमिता की भूमिका’ है। इस दो दिवसीय सम्मेलन में पहले दिन बतौर विशिष्ट अतिथि बैंकिंग एवं फाइनेंशियल इंक्लूजन क्षेत्र में कार्यरत देश की प्रतिष्ठित संस्थाओं के विषय विशेषज्ञ शामिल हुए। इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के महप्रबंधक प्रमोद कुमार बंसल, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया भोपाल के महाप्रबंधक तरसेम सिंह जीरा, नाबार्ड के महाप्रबंधक कमर जावेद, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भोपाल से महाप्रबंधक एच.के. सोनी, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के महाप्रबंधक नीरज प्रसाद, केनरा बैंक के महाप्रबंधक एम. भास्कर चक्रवर्ती, आईसेक्ट के चेयरमैन संतोष चौबे, आईसेक्ट के कार्यकारी उपाध्यक्ष सिद्धार्थ चतुर्वेदी और आईसेक्ट निदेशक अनुराग गुप्ता प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
इसके अलावा कार्यक्रम में देशभर से आए 1500 से अधिक लघु उद्यमी भी उपस्थित रहे। इस दौरान कार्यक्रम में आईसेक्ट द्वारा फाइनेंशियल इंक्लूजन पर प्रेजेंटेशन एवं फिल्म का प्रदर्शन किया गया और एफआई ब्रोशर, समर्थ एवं एफआई कियोस्क संवाद एवं जीत का जश्न 2024 कैंपेन को लॉन्च किया गया। साथ ही कार्यक्रम में देशभर से पधारे प्रमुख उद्यमियों को उनके उत्कृष्ठ कार्यों के लिए सम्मानित भी किया गया।
उद्घाटन सत्र में बात करते हुए अपने वक्तव्य में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के महाप्रबंधक प्रमोद कुमार बंसल ने कहा कि एसबीआई के मध्य प्रदेश में प्रत्येक 50 में से 1 अकाउंट आईसेक्ट एफआई के सेंटर द्वारा ही खोला जाता है। यह आईसेक्ट द्वारा किए जा रहे कार्यों के प्रभाव को दर्शाता है। साथ ही इन सेंटर्स के लिए आईसेक्ट द्वारा अपस्किलिंग की पहल की गई है जो कि विकसित भारत की दिशा में किया गया एक प्रशंसनीय कदम है।
इसके बाद सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया भोपाल के महाप्रबंधक तरसेम सिंह जीरा ने कहा ई-गवर्नेंस और फाइनेंशियल इंक्लूजन के अंतर्गत दी जाने वाली सेवाएं अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य आईसेक्ट कर रहा है। नाबार्ड के महाप्रबंधक कमर जावेद ने उद्यमियों से बात करते हुए कहा कि भारत सरकार की योजनाओँ का जिक्र किया और कहा कि लोगों में इनकी जागरुकता को लेकर प्रयास करने का कार्य भी सेंटर्स द्वारा ही किया जाना चाहिए। इसके उदाहरण में उन्होंने बताया कि मध्यांचल ग्रामीण बैंक अपने फाइनेंशियल इंक्लूजन के मॉडल के द्वारा ही प्रॉफिटेबल बैंक के रूप स्थापित हो गया था। यह बात ग्रामीण क्षेत्र की ताकत और संभावनाओं दर्शाता है।
वहीं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के महाप्रबंधक एच.के. सोनी ने यूनिवर्सल एक्सेस की बात करते हुए बताया कि आरबीआई का प्रयास था कि 5 किमी के दायरे में एक एफआई सेंटर होना चाहिए, जो अब संभव हो पा रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि एफआई सेंटर को किस प्रकार डायनेमिक स्वरूप प्रदान कर कई प्रकार की सेवाएं प्रदान की जा सकती है और वित्तीय साक्षरता को देश के ग्रामीण हिस्सों में पहुंचाया जा सकता है। इसके अलावा केनरा बैंक के महाप्रबंधक एम. भास्कर चक्रवर्ती ने एफआई सेंटर्स को अपनी आय बढ़ाने के कई टिप्स दिए। सत्र के अध्यक्षीय उद्बोधन में आईसेक्ट के चेयरमैन संतोष चौबे ने कहा कि भारत को विकसित बनाने के लिए हमें प्रमुखतः ब्लॉक और पंचायत स्तर पर ध्यान केंद्रित करना होगा तभी बड़ा बदलाव संभव है।