सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एम्स भोपाल में हर साल लगभग 400 मरीजों में ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन किया जाता है। विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस के सिलसिले में एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह ने कहा कि इस बीमारी को शुरुआती दौर में पहचान लेने से इसका इलाज जल्दी शुरू किया जा सकता है, जिससे मरीज को जल्दी लाभ मिलता है। साथ ही समाज में व्याप्त भ्रांतियों को भी मिटाने की आवश्यकता है, लोगों को जागरुक कर हम मरीज को समाज में एक बेहतर स्थान प्रदान कर सकते हैं। देश में हर साल होने वाले मामलों को अगर देखा जाए तो लगभग 28000 लोग प्रतिवर्ष ब्रेन ट्यूमर का शिकार होते है।
एम्स भोपाल के न्यूरो सर्जरी विभाग के एडिशनल डॉक्टर सुमित राज बताते हैं कि शरीर में आमतौर पर दो तरह के ट्यूमर होते हैं। सौम्य और दूसरा घातक, अगर ट्यूमर में कोशिकाएं सामान्य है तो यह सौम्य और अगर कोशिकाएं असामान्य हैं और अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, तो वे कैंसर वाली कोशिकाएँ हैं। ब्रेन ट्यूमर तब होता है जब मस्तिष्क के किसी भी हिस्से में असामान्य कोशिकाएँ बनती हैं। ट्यूमर सौम्य (गैर-कैंसरयुक्त) और घातक (कैंसरयुक्त) हो सकता है। हलाकि इसका कोई खास कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है फिर भी डॉक्टर यह मानते हैं कि लंबे समय तक रेडिएशन के संपर्क में रहने से ब्रेन ट्यूमर हो सकता है। अगर उम्र के हिसाब से देखा जाए तो बच्चों में मस्तिष्क कैंसर का यह दूसरा सबसे आम कारण है। ब्रेन ट्यूमर का इलाज सर्जरी के द्वारा किया जा सकता है। विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाने का उद्देश लोगों को ब्रेन ट्यूमर के प्रति जागरुक करना ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस बीमारी को समझ सके और इसके शुरुआती लक्षण को आसानी से पहचान कर शीघ्र ही अपना इलाज करवा सकें। विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस की इस साल की थीम ब्रेन हेल्थ के बारे में समझना और इस बीमारी से बचने के लिए उपाय के बारे में समझना है।