सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एम्स भोपाल का कैंसर विभाग, कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के कुशल नेतृत्व में, पूरे क्षेत्र में कैंसर रोगियों के लिए आशा की किरण बनकर उभरा है।
पिछले वर्ष के दौरान, विभाग में मरीजों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है, अकेले कैंसर आउट पेशेंट विभाग (ओपीडी) में 36 हजार से अधिक लोग इसकी सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। फरवरी महीने में, लगभग 4 हजार रोगियों ने कैंसर ओपीडी में दिखाया। एम्स भोपाल बढ़ती स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करने में प्रयासरत है।
एम्स भोपाल के कैंसर विभाग में उपलब्ध अत्याधुनिक सुविधाएं और अत्याधुनिक तकनीक सर्वोत्तम है। एम्स भोपाल में उपलब्ध एडवांस्ड लीनियर एक्सेलरेटर आईएमआरटी , वीएमएटी , आईजीआरटी, एसआरएस, एसआरटी जैसी तकनीक से लैस है।
इसके अलावा लेटेस्ट ब्रेकिथेरपी तकनीक जैसे आई सी आर टी, इंटरस्टीशिअल, मोल्ड , इंट्रालुमिनल भी उपलब्ध है। रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर मनीष गुप्ता ने कैंसर का शीघ्र पता लगाने और व्यापक उपचार के लिए विभाग की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि प्रारंभिक चरण में कैंसर का पता लगाने से हम बीमारी को प्रभावी ढंग से खत्म कर सकते हैं।
एडवांस्ड स्टेज में भी बीमारी को ख़त्म करने के लिए, सर्जरी, रेडिएशन और कीमोथेरेपी जैसे तरीकों का संयोजन कर इलाज करने पर आशाजनक परिणाम प्राप्त होते हैं। एम्स में ये सभी इलाज साकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मूल्य पर किये जाते हैं।
प्रोफेसर अजय सिंह ने कैंसर की रोकथाम और शीघ्र पता लगाने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया। प्रोफेसर सिंह ने कहा, “हमारा मिशन न केवल असाधारण चिकित्सा देखभाल प्रदान करना है, बल्कि कैंसर से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए संसाधनों के साथ विभाग को भी सशक्त बनाना है।
साथ मिलकर, हम मरीजों के जीवन में सार्थक बदलाव लाने का प्रयास करते हैं।” प्रोफेसर सिंह के प्रयासों से कैंसर के आखिरी स्टेज के मरीजों के लिए पैलिएटिव वार्ड के साथ साथ कीमोथेरपी के लिए आनेवाले मरीजों के लिए डे केयर वार्ड भी शुरू किया गया है। जैसे-जैसे कैंसर की घटनाएं बढ़ रही हैं, एम्स भोपाल अनुसंधान, शिक्षा और नैदानिक अभ्यास में उत्कृष्टता के माध्यम से कैंसर देखभाल को आगे बढ़ाने के अपने समर्पण पर दृढ़ है।