सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के मार्गदर्शन में ट्रॉमा और आपातकालीन चिकित्सा विभाग के सहायक प्रोफेसर बाबू लाल ने कोलकाता में आयोजित एसोसिएशन ऑफ ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जन्स ऑफ इंडिया (AOMSI) के 48वें राष्ट्रीय सम्मेलन में अपनी विशेषज्ञता और नवाचारों का प्रदर्शन किया। यह प्रतिष्ठित सम्मेलन देश-विदेश के मैक्सिलोफेशियल सर्जन्स, छात्रों और विशेषज्ञों को इस क्षेत्र में नवीन प्रगति पर विचार-विमर्श का अवसर प्रदान करता है।
निदेशक सिंह ने इस अवसर पर कहा, “यह हमारे लिए गर्व की बात है कि निदेशक बाबू लाल ने एम्स भोपाल का नाम इस प्रतिष्ठित सम्मेलन में गौरवान्वित किया। यह न केवल चिकित्सा क्षेत्र में नई सोच को प्रोत्साहित करता है, बल्कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।”
निदेशक बाबू लाल ने सम्मेलन में दो प्रमुख विषयों पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने “चेहरे की सौम्य बीमारियां” पर एक विशेषज्ञ पैनल में अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने अमेलोब्लास्टोमा और ओडोन्टोजेनिक केराटोसिस्ट (OKC) जैसे रोगों के प्रबंधन की चुनौतियों पर प्रकाश डाला और इनके आणविक स्तर पर अध्ययन की आवश्यकता बताई, जिससे नई दवाओं का विकास संभव हो सके और मरीजों को जटिल सर्जरी से बचाया जा सके।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने “पोस्ट-ट्रॉमैटिक राइनोप्लास्टी” पर अपने अनुभव साझा किए, जहां उन्होंने नाक की हड्डी में चोटों के प्रबंधन के लिए एम्स भोपाल में विकसित कम लागत वाली तकनीकों को प्रस्तुत किया। निदेशक बाबूलाल ने यूरिनरी कैथेटर और सर्जिकल स्ट्रिप्स से बनाए गए किफायती स्प्लिंट्स का उल्लेख किया, जो सीमित संसाधनों वाले क्षेत्रों के लिए अत्यधिक प्रभावी हैं।
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