सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एम्स ने सांगात, एक प्रमुख गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ), के साथ एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा प्रावधान, स्वास्थ्य प्रणाली सुधार, स्वास्थ्य समानता, दीर्घकालिक बीमारियों, मानसिक स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य पेशेवरों की क्षमता निर्माण और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए संयुक्त अनुसंधान में सहयोग करना है। यह साझेदारी क्षेत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

MoU signed between AIIMS Bhopal and Sangat NGO
समझौता ज्ञापन पर एम्स के कार्यपालक प्रो. अजय सिंह और सांगात की अध्यक्ष मोनिका बारिया ने हस्ताक्षर किए। दोनों पक्षों ने इस समझौते में उल्लिखित उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अच्छे विश्वास के साथ कार्य करने की प्रतिबद्धता जताई है। समझौते में आपसी सहमति से नए क्षेत्रों को जोड़ने का भी प्रावधान है।
इस अवसर पर प्रो. सिंह ने कहा कि साझेदारी के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सार्वजनिक भागीदारी और जागरूकता पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है। सांगात के साथ हमारा सहयोग प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारा लक्ष्य जनता को शामिल कर जागरूकता पैदा करना, सामाजिक कलंक को हटाना, और स्पष्ट लक्ष्यों के साथ समयसीमा तय करना है ताकि मापने योग्य परिणाम सुनिश्चित किए जा सकें। विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य जैसी स्वास्थ्य स्थितियों से जुड़ी सामाजिक कलंक को हटाना इस साझेदारी का एक प्रमुख उद्देश्य है। अक्सर लोग मानसिक इलाज के लिए अस्पाताल जाने से कतराते हैं। हमें ऐसी चुनौति‍यों से निपटना होगा और निश्चित करना होगा कि बिना किसी संकोच के लोग आगे आकर चिकित्स कीय सलाह लें।

MoU signed between AIIMS Bhopal and Sangat NGO
सांगात की डॉ. मोनिका बारिया ने इस सहयोग के प्रति अपनी उत्सुकता व्यक्त करते हुए कहा, “एम्स के साथ यह साझेदारी हमारे मिशन के साथ पूरी तरह से मेल खाती है, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य समानता को बढ़ावा देना और सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना है। हम मिलकर एक अधिक समावेशी और प्रभावी स्वास्थ्य प्रणाली बनाने की दिशा में काम करेंगे, जिससे हमारे अनुसंधान का लाभ उन समुदायों तक पहुंच सके जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।”
यह समझौता ज्ञापन चिकित्सा अनुसंधान को आगे बढ़ाने और नवोन्मेषी और सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणामों में सुधार करने की दिशा में एक साझा कदम है।