सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: सरकारी योजनाओं के नाम पर 16 राज्यों में 10,000 करोड़ रुपये की ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। इस घोटाले में 4 लाख से अधिक लोग फंस गए, जिन्हें उच्च रिटर्न का लालच देकर ठगा गया। यह घोटाला 15 सालों तक चलता रहा, जिसमें ठगों ने फर्जी दस्तावेज और सरकारी प्रतीकों का इस्तेमाल कर लोगों को भ्रमित किया।
कैसे अंजाम दिया गया घोटाला?
ठगों ने सरकारी योजनाओं के नाम पर निवेशकों को 12% से 20% तक के रिटर्न का वादा किया। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में यह ठगी बड़े पैमाने पर फैली। ठगों ने फर्जी कंपनियां बनाईं और जैसे-जैसे निवेश की रकम बढ़ी, ये कंपनियां अचानक गायब हो गईं।
कैसे पहचानें ऐसी धोखाधड़ी?
विशेषज्ञों ने ऐसी ठगी से बचने के लिए सुझाव दिए हैं:
- अगर कोई योजना गारंटीड उच्च रिटर्न का दावा करे, तो सतर्क रहें।
- कंपनी की पृष्ठभूमि और लाइसेंस की जांच करें।
- जल्दबाजी में निवेश करने से बचें।
- सरकारी वेबसाइट्स और मान्यता प्राप्त संस्थानों से जानकारी की पुष्टि करें।
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी है। जांच एजेंसियों ने अब तक कई फर्जी कंपनियों और व्यक्तियों की पहचान की है। सरकार ने जनता से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध योजना की तुरंत सूचना अधिकारियों को दें।
ठगी के शिकार लोगों की दास्तां
पीड़ितों का कहना है कि उन्होंने अपनी मेहनत की सारी पूंजी खो दी। एक पीड़ित ने बताया, “हमें यह बताया गया था कि यह योजना सरकारी है और पूरी तरह सुरक्षित है। हमने अपनी सारी जमा पूंजी लगा दी, लेकिन अब सब कुछ खत्म हो गया।”
कैसे बचें ऐसी ठगी से?
- निवेश से पहले योजना की प्रामाणिकता जांचें।
- मान्यता प्राप्त संस्थानों में ही निवेश करें।
- उच्च रिटर्न के वादों से सावधान रहें।
- संदिग्ध योजनाओं की जानकारी तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें।
निष्कर्ष:
सरकारी योजनाओं के नाम पर यह बड़ा घोटाला देश के लिए चेतावनी है। हमें अपने निवेश के फैसलों में सतर्कता बरतनी होगी। वित्तीय सुरक्षा के लिए जागरूकता और सही जानकारी जरूरी है।