आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : जीवन में सुर न हो, ताल न हो तो ऐसा जीवन कितना बोझिल और नीरस होगा। ये बात प्रसिद्ध सात्त्विक वीणा वादक पंडित सलिल भट्ट ने कही। वे न्यू मार्केट स्थित सेवन हिल्स पब्लिक स्कूल में अपनी व्यख्यान और प्रस्तुति के दौरान बच्चों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि असल संगीत साधना से ख़ुद को जानने-समझने का अवसर मिलता है एयर इस तरह अपना अहं मिटा देने का नाम ही संगीत है । पाँच सौ साल की संगीत विरासत के उत्तराधिकारी सलिल भट्ट दसवीं पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं वे प्रसिद्ध मोहन वीणा वादक विश्वमोहन भट्ट के पुत्र और शिष्य हैं।
सलिल भट्ट ने सबसे पहले बच्चों सुर, राग और लय के बारे में समझाया। इसके लिए उन्होंने प्रहर के अनुकूल राग नट भैरव चुना। राग की विशेषताएं बताने के पश्यात उन्होंने तीन ताल में निबद्ध नट भैरव बजाया। प्रभावशाली वादन ने छात्र-छात्राओं और श्रोताओं को एक घंटे तक बाँधे रखा। तबले पर संगत कौशिक कोनवार ने की। स्पिकमैके द्वारा आयोजित कार्यक्रम का ख़ास आकर्षण था विद्यार्थियों से सम्वाद। बच्चों ने गिटार और वीणा को लेकर अपनी जिज्ञासाएं सलिल भट्ट के समक्ष प्रस्तुत कीं जिनका उन्होंने समाधान किया।