मध्य प्रदेश आइटी नीति 2016 को मार्च 2023 तक लागू रखने कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा प्रस्ताव।

मध्‍य प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए लागू मध्य प्रदेश आइटी निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 फिलहाल मार्च 2023 तक जारी रखी जाएगी। तब तक सरकार नई नीति तैयार करेगी। इसके लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव प्रस्तुत करेगा।

आइटी नीति 2016 की वैधता अवधि दिसंबर 2021 तक थी। विभाग ने नई नीति का प्रारूप तैैयार कर लिया है और सभी संबंधित विभाग का अभिमत प्राप्त किया जा रहा है। यह प्रक्रिया मार्च अंत तक पूरा होने की संभावना है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने वर्तमान नीति को मार्च 2023 तक जारी रखने के प्रस्ताव को अनुमोदित किया था।

अब इसे कैबिनेट की स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया गया है। इसके साथ ही पंप हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाओं के विकास के लिए योजना पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसमें विकासक जलाशय का उपयोग कर सकेगा।

इसके लिए उसे जल संसाधन विभाग द्वारा जल उपयोग के लिए तय दर से शुल्क का भुगतान करना होगा। नवकरणीय ऊर्जा नीति 2022 के प्रविधान के अनुसार विद्युत एवं विकास शुल्क में दस वर्ष के लिए विद्युत शुल्क से छूट दी जाएगी। निजी भूमि क्रय करने पर स्टांप ड्यूटी की प्रतिपूर्ति, रियायती दर पर शासकीय भूमि, पंजीकरण सह सुविधा शुल्क के भुगतान में छूट दी जाएगी।

इसके अलावा पुलिस आवास बनानेे के लिए हुडको से लिए ऋण के शेष भाग का एकमुश्त भुगतान करने, उच्च न्यायालय जबलपुर के परीक्षा प्रकोष्ठ के लिए बीस पदों के सृजन, भारतीय किसान संघ को भोपाल, ध्रुव बाल शिक्षण समिति सोयतकलां, एकात्म मानव संस्कार समिति मोेड़ी सुसनेेर को भूमि आवंटन, मल्हारगढ़ सिंचाई परियोेजना की स्वीकृति सहित अन्य विषयों पर विचार किया जाएगा।

विशेष प्रकरण में श्रद्धा मालवी को मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति

श्रद्धा मालवी को विशेष प्रकरण मानते हुए अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। उनके पिता आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय के अपर संचालक आरएस राठौर की मृत्यु काेरोना संक्रमण से 19 अप्रैल 2021 को हुई थी। श्रद्धा का विवाह होने के कारण वे अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता में नहीं आती थीं।

सामान्य प्रशासन विभाग ने यह अभिमत संचालनालय को दिया, जिसके विरुद्ध मालवी ने इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। न्यायालय ने श्रद्धा के पक्ष में निर्णय दिया। विभाग ने विशेष प्रकरण मानते हुए श्रद्धा को सहायक ग्रेड तीन पद पर नियुक्ति देना प्रस्तावित किया है।