आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एशिया कप का मौजूदा सीजन विवादों और बारिश के कारण चर्चा में रहा है। भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ पहला मुकाबला बारिश के कारण पूरा नहीं हुआ तो दूसरे मुकाबले का रिजल्ट दो दिन में आया। इन विवादों के बीच कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम के ग्राउंड स्टाफ जमकर सुर्खियां बटोर रहे हैं। उनकी तारीफ भी खूब हो रही है।
मूसलाधार बारिश के बाद वे जिस तेजी से ग्राउंड को खेलने लायक बना दे रहे हैं वह लोगों को हैरान कर रहा है। आम तौर पर बारिश के बाद पानी सुखाने के लिए सुपर सॉपर नाम की मशीन का इस्तेमाल होता है। लेकिन, प्रेमदासा के ग्राउंड स्टाफ बिना मशीन के यह काम कर रहे हैं। वह भी मशीन से तेज।
60 ग्राउंड स्टाफ की टीम बारिश के असर को बेअसर करने के लिए क्या तरीके अपनाती है हम इस स्टोरी में जानेंगे।
पहले कुछ तस्वीरें देखिए
ढक देते हैं पूरा मैदान
प्रेमदासा दुनिया के उन शुरुआती स्टेडियमों में शामिल हैं जहां बारिश होने पर पूरे ग्राउंड को कवर किया जाता है। दुनिया के ज्यादातर देशों में सिर्फ स्क्वॉयर (जहां पिच होती है) और बॉलिंग रनअप को कवर किया जाता है। पूरा ग्राउंड कवर होने से बारिश के बाद ग्राउंड को खेलने लायक तैयार करने में कम वक्त लगता है।
26 कवर का होता है इस्तेमाल
यहां मैदान को पूरी तरह ढकने में 26 कवर्स लगते हैं। एक कवर की लंबाई 100X100 मीटर की होती है। एक कवर की कीमत श्रीलंकाई रुपए में करीब 4 से 6 लाख रुपए है। इसे खास प्लास्टिक मटीरियल से बनाया जाता है, ताकि पानी तेज बारिश के बाद भी जमीन तक न पहुंच सके।
कवर-टु-कवर पानी ट्रांसफर करते हैं; पंखे से लेकर हीटर तक का इस्तेमाल
मैदान से बारिश का पानी बाहर निकालने के लिए स्टाफ पानी को एक कवर से दूसरे कवर में ट्रांसफर करता है और इस प्रोसेस से जरिए पानी को बाउंड्री के बाहर ड्रेनेज तक पहुंचाया जाता है। अगर ग्राउंड के किसी हिस्से में पानी गिर जाता है तो उसे सुखाने के लिए पंखे की हवा और हीटर जैसे तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है।
सुपर सॉपर से 1 घंटा कम समय लेते हैं
दुनिया के ज्यादातर मेजर क्रिकेटिंग सेंटर में बारिश के बाद पानी हटाने के लिए सुपर सॉपर का इस्तेमाल होता है। इस मशीन के बारे में आप आगे पढ़ेंगे। इस मशीन के जरिए पानी पूरी तरह सुखाने में जितना वक्त लगता है, प्रेमदासा के सपोर्ट स्टाफ उससे 1 घंटा कम समय में यह काम कर लेते हैं। साथ ही सुपर सॉपर के निकाले पानी को बार-बारी खाली कर ग्राउंड के बाहर करने की समस्या भी होती है। इसलिए प्रेमदासा ने ग्राउंड सुखाने के लिए मशीन की जगह इंसानो की टीम का ज्यादा इफेक्टिव सिस्टम तैयार किया है।