आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : तस्वीर एक्टर विक्की कौशल की शादी के मेहंदी सेरेमनी के दौरान की है। इसमें विक्की के साथ पिता शाम कौशल, मां वीना और भाई सनी कौशल नजर आ रहे हैं। आज की स्ट्रगल स्टोरी में विक्की के पिता की ही संघर्ष की कहानी है, जो फिल्मों में बतौर एक्शन डायरेक्टर काम करते हैं। पिछले 5 दशक से फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रहे शाम कौशल की असल जिंदगी भी एक्शन या कहें स्टंट्स से भरी रही है।

पढ़िए शाम कौशल की संघर्ष भरी कहानी…

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे

शाम कौशल का जन्म पंजाब के एक गांव में हुआ था। पिता की एक छोटी सी किराना की दुकान थी जिससे घर का खर्च चलता था। वे अपने करियर के बारे में बताते हैं- ‘मैं पढ़ाई में अच्छा था। ग्रेजुएशन में टॉप किया था। पढ़-लिखकर लेक्चरर बनना चाहता था। एम.ए. करने के बाद एम.फिल. की डिग्री ली। इसके लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी जाकर एक साल पढ़ना था, लेकिन पैसों की कमी की वजह से नहीं जा सका। मेरा सपना अधूरा रहा और गांव में रहकर ही नौकरी की तलाश करने लगा, लेकिन लंबे समय बाद भी नौकरी नहीं मिली।’

पिता ने 5% ब्याज पर 3000 रुपए कर्ज लेकर मुंबई भेजा

मेरा एक दोस्त मुंबई में काम करता था। छुट्टियों में वो घर आया था। जब उसे पता चला कि मेरे पास कोई काम नहीं है, तब उसने मुंबई चलने के लिए कहा और भरोसा दिलाया कि वहां मुझे काम मिल जाएगा। मैं काम के लिए भूखा था, लेबर की नौकरी करने के लिए भी तैयार था, लेकिन मां-बाप के सामने इस तरह का काम नहीं कर सकता था।

पिता ने भी मुंबई जाने के फैसले को सपोर्ट किया। उन्होंने 5% ब्याज पर 3000 रुपए कर्ज लिया और मुंबई जाने का इंतजाम कर दिया। मैंने सोच लिया था, जब तक इन पैसों की उधारी चुका नहीं दूंगा, तब वापस गांव नहीं जाऊंगा।

सोने के लिए जगह नहीं थी, ऑफिस में ही सोता था

1978 में दोस्त के साथ मुंबई आ गया, फिर एक दूर के अंकल के जरिए सेल्समैन की नौकरी करने लगा। सवा साल तक यहां काम किया। सोने के लिए भी जगह नहीं थी। जिस ऑफिस में काम करता था, वहीं सो भी जाता। वहां पर 350 रुपए प्रति महीना सैलरी मिलती थी, उसी से पूरे महीने का गुजारा करना पड़ता था। पिता ने जो कर्ज लिए थे, उसे भी सवा साल में ही मैंने वापस कर दिया। फिर कुछ समय बाद ये नौकरी छोड़ दी।