आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : भारतीय वन प्रबंध संस्थान (आईआईएफएम) द्वारा विविध अनुभव वाले 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारियों के लिए वन प्रमाणन पर अपना प्रमुख एक सप्ताह का अनिवार्य प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम देश की आवश्यकताओं के लिए विशिष्ट राष्ट्रीय वन प्रमाणन योजना के अवसरों और चुनौतियों पर केंद्रित है।
इस अवसर पर उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि रमेश कुमार गुप्ता, पीसीसीएफ और एचओएफएफ, मध्य प्रदेश ने जैव विविधता समृद्ध राज्य के संदर्भ में सतत वन प्रबंधन और वन प्रमाणीकरण को बढ़ावा देने के लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने राष्ट्रीय कार्य योजना संहिता 2023 को संशोधित करने और संहिता में भारतीय वन प्रबंधन मानक को शामिल करने के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और आईआईएफएम जैसे संस्थानों के प्रयासों की सराहना की, जो राज्य भर में कार्य योजनाओं की तैयारी में एकता सुनिश्चित करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कार्य योजना संहिता और भारतीय वन प्रबंधन मानक के कार्यान्वयन से मध्य प्रदेश जैसे राज्यों को सागौन, महुआ, चिरोंजी आदि लघु वन उत्पादों के प्रमाणीकरण सें हरित बाजार तक पहुंचने का अवसर मिलेगा। वन प्रमाणीकरण से राज्य को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में हरित उपभोक्ताओं के बीच अपनी छवि बनाने एवं विश्वास कायम करने में सहायत प्राप्त होगी।
अभय कुमार पाटिल, पीसीसीएफ और प्रबंध निदेशक, मध्य प्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड (एमपीआरवीवीएन) ने मध्य प्रदेश राज्य वन विकास निगम, त्रिपुरा वन विकास निगम और उत्तर प्रदेश वन निगम आदि के लिए वन प्रमाणीकरण कार्य हेतु योजना तैयार करने का अपना अनुभव साझा किया।
इस प्रशिक्षण के निदेशक मनमोहन यादव ने राष्ट्रीय कार्य योजना कोड 2023 और भारतीय वन प्रबंधन मानक की प्रमुख विशेषताओं और देश के वनों के लिए वन प्रमाणीकरण प्राप्त करने के तरीकों पर विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया ।