साक्षी मलिेक ने कहा, माता-पिता की सोच बदली, खेलों में लड़कों का अधिकारी नहीं, लड़कियां सभी स्पोटर्स खेल सकती हैं।

बच्चों को जीवन में टारगेट जरूर तय करना चाहिए। जरूरी नहीं की खेलों में ही करें। कई बच्चे खेलों में रूचि नहीं रखते, लेकिन जीवन में खेल जरूर अपनाना चाहिए। कोई भी लक्ष्य निर्धारित करें कि हमें वहां पहुंचना है। अभिभावक हमेशा सपोर्टिव होते हैं। सच्ची लगन, मेहनत व अनुशासन के साथ काम करेंगे तो टारगेट प्राप्त कर सकते हैं।

यह बात कुश्ती में पहली भारतीय ओलंपियन पदक विजेता साक्षी मलिक ने सोमवार को नेहरू स्टेडियम में क्रीड़ा भारती एवं चेतन्य कश्यप फाउंडेशन द्वारा आयोजित 23वें खेल चेतना मेला के शुभारंभ समारोह के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए कही। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि पंद्रह-बीस साल पहले और अब में बहुत फर्क है। जब उन्होंने कुश्ती शुरू की थी, तब गांव के कुश्ती सेंटर में दो या तीन लड़कियां ही आती थी। अब पचास से साठ लड़कियां ट्रेनिंग कर रही है। बहुत सारे माता-पिता की सोच बदली है, पहले जो कहा जाता था कि खेल लड़कों का है, लेकिन कोई भी ऐसा खेल डिसाइड नहीं है कि वो लड़कों का ही है, हम लड़कियां भी सारे स्पोर्ट्स खेल सकती है। लड़कियों ने यह साबित भी किया है, ओलंपिक में हम लड़कियां कितना अच्छा कर रही है और आगे भी करेगी। मेरा अगला टारगेट एशियन गेम्स है।

चेतना खेल मेला बहुत सारे बच्चों को मोटिवेट करेगा

रियो 2016 ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनने का गौरव प्राप्त करने वाली साक्षी मलिक ने कहा कि चेतना खेल मेला जैसे आयोजन बहुत सफल होते है। शुरुआत में मैने भी ऐसे खेल कार्यक्रमों में बहुत भाग लिया है। ऐसे आयोजन से ही मुझे प्रोत्साहन मिला है कि आगे खेलना है व देश का भी नाम रोशन करना है। ये मेला बहुत सारे बच्चों को मोटिवेट करेगा और उनके मन में जोश भरेगा कि हम भी देश के लिए खेले व पदक जीते। बच्चों से उम्मीद है कि वे बढ़चढ़ कर हिस्सा ले व अच्छा खेल दिखाए।

छोटे-छोटे खेलों से मिलता है प्रोस्ताहन

साक्षी मलिक ने कहा कि वह स्कूल जाती थी और सुबह-शाम ट्रेनिंग करती थी। वेट करती थी कि गांव आसपास के क्षेत्र में इस तरह के खेल आयोजन हो। उस समय इस तरह के अयोजन बहुत कम होते थे। छोटे-छोटे खेल आयोजन से मुझे भी बहुत प्रोत्साहन मिलता थ, बस शुरुआत यहीं से होती है। छोटो-छोटे खेल आयोजन से मैडल मिलते है तो कांफीडेंस मिलता तथा आगे और अच्छा करने का मन करता है। इस दौरान क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, फाउंडेशन अध्यक्ष व शहर विधायक चैतन्य कश्यप आदि उपस्थित थे।