आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/ आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : बहुत अधिक मसालेदार, कैफीन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से भी बचें। कोशिश करें कि घर में बना भोजन ही खाएं।

रजोनिवृत्ति एक प्राकृतिक क्रिया है जो आमतौर पर महिलाओं में 45 से 50 वर्ष की उम्र में शुरू होती है। रजोनिवृत्ति होने से पहले महिलाओं को कई तरह के लक्षण महसूस हो सकते हैं। किस उम्र में रजोनिवृत्ति होगी यह ज्यादातर उसके जीन, दैनिक जीवन और आहार-विहार पर भी निर्भर करता है। रजोनिवृत्ति तक पहुंचने पर कई तरह के शारीरिक संकेत और लक्षण नजर आने लगते हैं। इस दौरान शारीरिक ऊर्जा में भी कमी आने लगती है। यही नहीं भावनात्क सेहत पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है।

हेमलता योगी कहती हैं कि यदि आपको हाट फ्लैशेज, नींद न आना, रात में पसीना आना, सिरदर्द आदि लक्षण दिखे तो आप अपनी जीवन शैली को सुधार लें। इसके लिए आप अपने आहार को पोषक तत्वों से युक्त बनाएं। भोजन भरपेट करें लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि केवल पेट भरना ही सबकुछ नहीं पोषक तत्वों का होना उससे भी ज्यादा जरूरी है। बहुत अधिक मसालेदार, कैफीन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से भी बचें। कोशिश करें कि घर में बना भोजन ही खाएं। बाहर के खानपान से बचें।

प्रतिदिन व्यायाम जरूर करें। धूम्रपान, अल्कोहल से दूरी बनाएं। यदि आपको रात में पसीना आता है या हाट फ्लैशेज की समस्या होती है तो रात में सूती और ढ़ीले कपड़े ही पहनें। दिन में कई बार भोजन करें। भोजन में अनाज, फलियां, दालें, सब्जी, फल, नट, बीज, दूध और दूध से बने पदार्थ का समावेश करें। भोजन संयम के साथ करें और मन लगाकर खाएं। कोशिश करें कि स्थानीय और मौसमी आहार लें।

चावल, गेहूं, मक्का, बाजरा, रागी, ज्वार, बाजरा, ओट्स, जौ यह सभी का सेवन किया जा सकता है। यदि आप शाकाहारी हैं तो प्रतिदिन 1-2 कटोरी दाल, फलियों का सेवन जरूर करें। सत्तू, बेसन, चना, छोले, अंकुरित अनाज, लोबिया, राजमा, ढ़ोकला या ऐसा भोजन जिसमें किसी भी प्रकार से दाल का समावेश हो वह जरूर करें। अपनी थाली में कई रंगों वाली सब्जी रखें। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होगी। खट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्जी, दूध और दूध से बने पदार्थ भी खाएं।